निम्नलिखित पंत्तियो की व्याख्या कीजिए:
1)मुझे तोड़ लेना वनमाला,
उस पथ पर देना तुम पेंक,
मातृभुमि पर शीश चढ़ाने,
जिस पथ जाएँ वीर अनेक |
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मुझे तोड़ लेना वनमाला,
उस पथ पर देना तुम पेंक,
मातृभुमि पर शीश चढ़ाने,
जिस पथ जाएँ वीर अनेक
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इन मुख्य पंक्तियों में फूल वनमाली यानी वन के मालिक से कहता है कि हे मालिक मुझे तोड़कर उस पथ पर फेंक देना जिस पथ पर मातृभूमि पर कुर्बान होने वाले देशभक्त अपनी जान की फिक्र ना करते हुए निस्वार्थ भाव से अपना कर्तव्य पूरा करने जा रहे हो।
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