Hindi, asked by parshotamsh96, 8 months ago

निम्नलिखित पक्तियों का भावार्थ स्पष्ट कीजिए: (लगभग 300 शब्दों में)
रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून।
पानी गर न ऊबरे मोती मानस चून।।​

Answers

Answered by sakshisehrawat577
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Answer:

इन पंक्तियों में रहीम जी कहना चाहते हैं कि जिस तरह आटे का अस्तित्व पानी के बिना नहीं हो सकता और मोती का अस्तित्व उसकी आभा के बिना नहीं हो सकता उसी प्रकार मनुष्य का अभी अपने जीवन में पानी अर्थात विश्वास रखना चाहिए जिसके कारण ही उसका इस धरती पर अस्तित्व है

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