निम्नलिखित पक्तियों के भाव स्पष्ट कीजिए :
(i)काम को आरंभ करके यों नहीं जो छोड़ते।
सामना करके नहीं जो, भूलकर मुँह मोड़ते।।
(ii) काम कितना ही कठिन हो किंतु उकताते नहीं।
भीर में चंचल बने जो पीठ दिखलाते नहीं।।
(iii) भूलकर वे दूसरों का मुँह कभी तकते नहीं।
कौन ऐसा काम है वे कर जिसे सकते नहीं।।
(iv) व्योम को छूते हुए दुर्गम पहाड़ों के शिखर।
घने जंगल जहाँ रहता है तम आठों पहर।।
वे
Answers
Answered by
1
Answer:
नाय येत मला ।
Explanation:
sorry sir.
Similar questions