निम्नलिखित पक्तियों में निहित भलवारी ने से किन्हीं दो के मान लिखिए
1) सहसब सम सो रिण मोरा।।
129 चरण-कमाल बंटी हरि राड़।
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Answer:
ताऊजी-ताईजी, चाचा-चाची, बुआ, मेरी बहन, मेरे चचेरे भाई बहन और एक राजू काका हैं। राजू काका घर के कामों में सहायता करते हैं। मेरे कुल चार चचेरे भाई बहन हैं जिनमें दो मुझसे छोटे और दो मुझसे बड़े हैं। मैं और मेरी बहन इनके बीच में आते हैं। हम सब मिलकर एक ही घर में रहते हैं। मेरे दादा जी डॉकटर हैं उनका क्लीनिक घर पर ही है। दूर-दूर से बिमार लोग उनसे इलाज करवाने आते है। उनकी दवाई से लोगों का बहुत लाभ होता है। मेरी दादीजी खाना बनाना सिखाने की कक्षायें लेती हैं। बहुत सी दीदी एवं आण्टी मेरी दादी से कक्षायें लेने आती हैं। मेरी माँ एक सामाजिक संस्था में कार्य करती हैं। वे सुबह जाकर दोपहर तक लौट आती हैं। मेरे पिताजी सरकारी कर्यालय में कार्यरत् है। वे सुबह जाकर शाम को घर वापस आते हैं।
मेरे ताऊजी और चाचाजी साथ मिलकर व्यापार करते हैं। मेरी ताईजी का बुटीक है और मेरी चाची घर पर ही रहती हैं। मेरे सभी भाई-बहन दो अलग-अलग विद्यालयों में पढ़ते हैं। मेरी बुआ अभी मैडिकल परीक्षा की तैयारी कर रही हैं। वे भी डॉक्टर बनना चाहती हैं। परिवार में 16 लोग होते हुए भी सब मिलजुल कर रहते हैं। किसी भी त्यौहार या खास मौके को हम सब लोग मिलजुल कर धूम-धाम से मनाते हैं।
मेरा परिवार एक शिष्ट एवं सभ्य परिवार है जहाँ अनुशासन को बहुत महत्व दिया जाता है। इसी कारण हम सब मिलजुल कर रह रहे हैं। इतने लोग होते हुए सारे काम समय पर होते हैं। सारे कार्यों के लिए समय निश्चित है इसलिए कभी भी किसी को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होती एवं सभी कार्य अपने नियत समय पर होते हैं। हम सब बच्चों का उठने-सोने, खाने-खेलने एवं पढ़ने का समय निश्चित है। मेरे परिवार में सब छोटे बड़ों का आदर करते हैं और बड़े भी अपने छोटों से बहुत प्यार करते हैं एवं उनका ध्यान रखते हैं। यदि परिवार में किसी को भी किसी प्रकार का कष्ट हो जाये तो सब एक साथ मिलकर उसे हल करने का प्रयत्न करते हैं।
मेरा परिवार पड़ौसियों के साथ भी मिलजुल कर रहता है। आवश्यकता पड़ने पर पड़ौसियों की सहायता के लिए सबसे आगे तैयार रहता है। घर में आये अतिथियों का यथोचित आदर-सत्कार किया जाता