निम्नलिखित परिच्छेद को पढकर नीचे दिए गए प्रश्नों के उतर दीजिए । ( ३ )
परिश्रम उन्नति का द्वार है । मनुष्य परिश्रम के सहारे ही जंगली अवस्था से वर्तमान विकसित अवस्था तक पहुँचा है । उसी के सहारे उसने अन्न , वस्त्र , मकान , घर , पुल , सड़कें बनाई । तकनीक का विकास किया जिसके सहारे आज यह जगमगाती सभ्यता चल रही है । परिश्रम केवल शरीर की क्रियाओं का ही नाम नहीं है । मन तथा बुद्धि से किया गया कार्य भी परिश्रम कहलाता है । हर श्रम में बुद्धि तथा विवेक का पूरा योग रहता है । परिश्रम करनेवाला मनुष्य सदा सुखी रहता है । परिश्रमी व्यक्ति का जीवन स्वाभिमान से पूर्ण होता है , वह स्वयं अपने भाग्य का निर्माता होता है । उसमें आत्म - विश्वास होता है । परिश्रमी किसी भी संकट को बहादुरी से झेलता है तथा उससे संघर्ष करता है । परिश्रम कामधेनु है जिससे मनुष्य की सब इच्छाएँ पूरी हो सकती हैं । मनुष्य को मरते दम तक परिश्रम का साथ नहीं छोडना चाहिए । जो परिश्रम के समय इन्कार करता है , वह जीवन में पिछड जाता है ।
प्रश्नों
1.वर्तमान विकसित अवस्था तक मनुष्य कैसे पहुँचा ?
2. मन और बुद्धि द्वारा किया जाने वाला कार्य क्या कहलाता है ?
3.परिश्रम करने से क्या - क्या फायदे होते हैं ? .
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1.मनुष्य परिश्रम के सहारे ही जंगली अवस्था से वर्तमान विकसित अवस्था तक पहुँचा है ।
2.मन तथा बुद्धि से किया गया कार्य भी परिश्रम कहलाता है ।
3.परिश्रम करनेवाला मनुष्य सदा सुखी रहता है । परिश्रमी व्यक्ति का जीवन स्वाभिमान से पूर्ण होता है , वह स्वयं अपने भाग्य का निर्माता होता है । उसमें आत्म - विश्वास होता है । परिश्रमी किसी भी संकट को बहादुरी से झेलता है तथा उससे संघर्ष करता है । परिश्रम कामधेनु है जिससे मनुष्य की सब इच्छाएँ पूरी हो सकती हैं ।
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1. परिश्रम के सहारे से
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2. परिश्रम
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