Hindi, asked by valabhaipatel051, 9 days ago

निम्नलिखित परिच्छेद को पढकर नीचे दिए प्रश्नों के उत्तर लिखिए: दु:ख के बिना सुख का अस्तित्व नहीं है और सुख के बिना दुःख का। जब तक हमें एक अनुभव नहीं होगा तब तक हम दूसरे का अनुभव नहीं कर सकते। शीतलता का अनुभव करने के लिए उष्णता का अनुभव आवश्यक है। यह भी एक बात है की कोई सम्पूर्ण शीतलता ही नहीं ले सकता और न कोई उष्णता। अतः आवश्यकता है की दोनों का सम्बन्ध हो। न तो सम्पूर्ण दुःख हो और न सम्पूर्ण सुख। ये दोनों मानव - जीवन के ताने बने है। एक दूसरे के ये पूरक है। जीवन में सुख - दुःख का मिश्रण होना चाहिए। यह मिश्रण मधुर हो। ऐसा न हो कि सुख अधिक हो, दुःख कम। यह भी न हो की दुःख ही अधिक हो और सुख कम। दोनों की मात्रा सम हो, विषम न हो। प्रश्रः 1. हम सुख का अनुभव कब कर सकते है? 2. शीतलता और उष्णता शब्द किनके सूचक है? 3. जीवन में सुख - दुःख का क्या स्थान होना चाहिए? 4. इस परिच्छेद के लिए एक उचित शीर्षक दीजिए। ​

Answers

Answered by chaubenavin64
0

Answer:

bro photo bhejo me answer batata hu

Answered by qwstoke
13

दिए गए गद्यांश के आधार पर प्रश्नों के उत्तर निम्न प्रकार से दिए गए हैं

- प्रश्रः 1. हम सुख का अनुभव कब कर सकते है?

जब तक हम दुख का अनुभव नहीं करेंगे , तब तक हम सुख अनुभव नहीं कर पाएंगे।

- 2. शीतलता और उष्णता शब्द किनके सूचक है?

शीतलता सुख का सूचक है तथा उष्णता दुख का सूचक है।

- 3. जीवन में सुख - दुःख का क्या स्थान होना चाहिए?

सुख व दुख एक दूसरे के पूरक है।

जीवन में सुख व दुख का मिश्रण होता है। न दुख अधिक होना चाहिए न ही सुख अधिक होना चाहिए।

- 4. इस परिच्छेद के लिए एक उचित शीर्षक दीजिए।

इस परिच्छेद के लिए उचित शीर्षक होगा -

"सुख दुख जीवन के पूरक "

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