निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए:
स्त्रियों की शिक्षा का स्वरूप पुरुषों की शिक्षा के स्वरूप से अलग रहना चाहिए। कताई, बुनाई, सिलाई, कटाई
आदि की शिक्षा तो उन्हें दी ही जाए, कितु इसी के साथ उन्हें कुटीर उद्योगों में भी निपुण बनाया जाना चाहिए, जिससे
कि बुरा समय आने पर वे किसी की मोहताज न रहें। स्त्रियों को शिक्षित करने से हमारा घर स्वर्ग बन सकता है। नासमझ
और फूहड़ औरतों से परिवार के परिवार तबाह हो जाते हैं। जिस घर की स्त्रियाँ सुशिक्षित और सुसंस्कृत होती हैं, वे घर
जिंदा विश्वविद्यालय होते हैं। शिक्षा का अर्थ किताबी ज्ञान ही नहीं है और न ही अक्षरज्ञान है, वह तो जीने की कला है।
प्रश्न:
47. स्त्रियों को किस प्रकार की शिक्षा देनी चाहिए?
48. हमारा घर स्वर्ग कब बन सकता है?
49. शिक्षा का अर्थ क्या है?
50. बुरे समय में स्त्रियाँ स्वावलम्बी कैसे रह सकती हैं?
-1. जीने की कला किसे कहा गया है?
2. इस परिच्छेद को उचित शीर्षक दीजिए।
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Answer:
कताई, बुनाई, सिलाई, कटाई
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