निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए :
जीवन में साहित्य की उपयोगिता अनिवार्य है। साहित्य मानव-जीवन को वाणी देने के साथ समाज का पथ-प्रदर्शन
भी करता है। उपयोगिता की दृष्टि से देखें तो साहित्य के अध्ययन से अनेक लाभ हैं। साहित्य मानव-जीवन के अतीत
का ज्ञान कराता है, वर्तमान का यथार्थ चित्रण करता है और भविष्य के निर्माण की प्रेरणा देता है। प्रत्येक आनेवाला युग
और समाज इससे प्रेरणा लेता है। साहित्य ही हमें मनुष्य की कोटि में बनाए रखता है। किसी समाज का साहित्य क्षीण
होने लगे तो वह समाज भी रसातल को चला जाता है। साहित्य समाज के साथ कार्य करते भी समाज के लिए प्रकाश
के स्तंभ का कार्य करता है। साहित्य का आलोक पुंज सूर्य की भाँति समाज के समस्त विकारों का हरण करता है; तभी
वह सत् साहित्य कहलाता है।
प्रश्न:
47. साहित्य के अध्ययन से क्या लाभ होता है?
48. सत् साहित्य किसे कहा जा सकता है?
49. साहित्य क्या कार्य करता है?
50. जीवन में किसकी उपयोगिता अनिवार्य है?
51. आनेवाला युग किससे प्रेरणा लेता है?
52, इस परिच्छेद को उचित शीर्षक दीजिए।
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Explanation:
- sahitya manav jivan ke atit Ka gyan katata hai,vartaman Ka yatarth chitran karta hai.
- sahitya Ka alok punk shurya ke bhati samaj ke samast vikaro ka haran karta hai thabhi use sat sahitya kahte hai.
- first question Ka jo ans hai vo yaha pe likh dena.
- jivan mai sahitya ki upayogita anivarya hai.
- ane vala yug sahitya se prerna leta hai.
- sahitya.
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Explanation:
1 साहित्य मानव जीवन के अतीत का ज्ञान कराता है वर्तमान का यथार्थ चित्रण कराता है और भविष्य के निर्माण कितना देता है
2 साहित्य समाज के साथ कार्य करते हुए भी समाज के लिए प्रकाश के संसद का कार्य करता है
3 साहित्य का आलोक पूजन सूर्य की भारतीय समाज के समस्त अधिकारों का हनन करता है तभी सत कहलाता है
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