निम्नलिखित परिच्छेद पढ़कर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए, जिनके उत्तर परिच्छेद में एक-एक वाक्य
में हो:
भाग्य पर विश्वास करने वालों का दावा है कि पिछले जन्मो के कर्मों के अनुसार सफलता या असफलता मिलती
है या सुख-दुख आते हैं। कई बार भरसक प्रयत्न करने के बाद भी व्यक्ति असफल हो जाता है तो दुखी हो
उठता है। यह मानने के लिए उसे मजबूर होना पड़ता है कि भाम्य] में बहा लिखा था। सफलता केवल प्रपल
और परिश्रम से ही नहीं मिलती। उसके लिए व्यावहारिक ज्ञान, मन-बन, धैर्य, आत्मविश्वास, एकाग्रता आदि कई
गुण आवश्यक है। काम को बिना समझे, गलत इंग से, उचट मन में उद्देश्य को पूरी और स्पष्ट जानकारी पाए
बिना कितना भी परिश्रमपूर्वक किया जाए, तो भी सफलता मिलना संभव नहीं होता है। जब आवश्यक गुणों के
अभाव में मेहनत करने वाले को सफलता नहीं मिलता तो कहा जाता है कि पिछले जन्म के कर्मो के कारण
उसे सफलता नहीं मिली। तब व्यक्ति अपने भाग्य को अपनी असफलता का उत्तरदायी मानकर चुप गोठ जाता
है। भाग्यवाद व्यक्ति को निराश, निष्क्रिय और अकर्मण्य बना देता है। अगर सफलता के कारण हूँढे जाएँ और
पुरुषार्थी बनकर काम बह फिर में करने का संकल्प किया जाए तो असफलता के कारणों से बचने की समझ
आती है और व्यक्ति सफल हो सकता है।
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ANS
1:- भाग्य पर विश्वाश करने वालो का क्या दावा है?
2:- कई बार भरसक प्रयत्न करने के बाद भी व्यक्ति असफल हो जाता है तो दुखी हो
उठता है तब उसे किस बात पर विश्वास करने पर वह मजबूर होता है?
3:- सफलता प्रप्त करने के लिये क्या
आवश्यक है?
4: जब आवश्यक गुणों के
अभाव में मेहनत करने वाले को सफलता नहीं मिलता तो क्या कहा जाता है??
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