निम्नलिखित परिच्छेद पढ़कर ऐसे पाँच प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर परिच्छेद में एक एक वाक्य में हो.
भारतीय संस्कृति के अग्रदूत गुरुदेव रवींद्रनाथ ठाकुर विश्व की उन महान विभूतियों में गिने जाते हैं जिन्होंने साहित्य , राजनीति , कला और धर्म के क्षेत्रों में नई दिशा का मूत्रपात किया | रवींद्रनाथ भारत के उन मनीषियों की परंपरा में आते है जिसमें वाल्मीकि , व्यास , कालीदास आदि महाकवियों ने भारतीय सभ्यता और संस्कृति को अपने समग रूप में चित्रित किया | . रवींद्रनाथ वचपन से ही प्रतिभाशाली थे | वौदधिक प्रतिभा के साथ - ही - साथ आध्याति विचारों की एक गहरी धारा उनके भीतर प्रकाशित हो रही थी | उन्हें यह क्रमश : किस प्रकार मि यह निस्संदेह आश्चर्यपूर्ण है | उन्होंने स्वयं लिखा है - " सूर्य देवता सामने के वृक्षों से झाँक रहे में उनका स्वागत करने अपने तिमंजिले मकान के छज्जे पर दौड़ गया | वृक्षों पर सूर्य की किरणें रही थी | इस समय एकाएक मुझे दिव्य प्रकाश मिल गया | प्रकृति की प्रत्येक वस्तु इस समय एक प्रतीत होती थी - सारा विश्व एक दिखाई देता था | सव चेतना जगत यह सारा जीवन प्रकाश = प्रेम से परिपूर्ण दिखाई देने लागा | इस अपूर्व दृश्य का वर्णन मानवी शक्ति के परे है |
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भारतीय संस्कृति के अग्रदूत गुरुदेव रवींद्रनाथ ठाकुर विश्व की किन महान विभूतियों में गिने जाते हैं
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1) रवींद्रनाथ भारत के किन मनीषियों की परंपरा में आते है?
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