निम्नलिखित परिच्छेद पढ़कर इस पर आधारित ऐसे पाँच प्रश्न तैयार कीजिये जिनके उत्तर
एक वाक्य में हों।
संयम स्वयं से प्यार करने का उपाय है। जिस व्यक्ति में संयम नहीं वह मृत व्यक्ति के समान
है। ऐसा व्यक्ति जीवनभर विचार भाव और इंद्रियों का गुलाम ही बनकर रहता है संयम के
आभाव में व्यक्ति के भीतर क्रोध भय हिंसा और व्याकुलता बानी रहती है। जिसके कारण
उसकी जीवनशैली अनियमित और अविचारिक हो जाती है। संयम का योग में बहुत ही
महत्व है। योग आसान या प्राणायाम न भी करें तो चलेगा। लेकिन संयमित जीवनशैली है,
तो व्यक्ति सदा निरोगी और प्रसन्न चित्त बना रहता हैं संयमी व्यक्ति को सांसारिक वातावरण
का प्रभाव छू भी नहीं पाता। संयमो का दृढ़ता से पालन करने से व्यक्ति को रोग शोक संताप
नहीं सताते और वह निरोगी रहकर लंबी उम्र जीता है।
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Q1 जिस व्यकित मे संयम नहीं वे किसके समान हैं?Q2 संयम आभाव में व्यकित भीतर क्या बना रहता है? Q3संयम का किस में महत्व है? Q4किसको सांसारिक वातावरण छू भी नहीं पाता है?Q5संयम का पालन करने से व्यकित को क्या नहीं सताते?
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