निम्नलिखित परिचय को निम्नलिखित परिचय का अपनी मातृभाषा गुजराती में अनुवाद कीजिए
सूर्य अस्त होने से पहले ही वह गुरु जी के घर पहुंचा। उसने गुरुजी के चरण छूकर प्रणाम किया। उसनके साथियों को जब पता चला कि वह फिर वापस आ गया है, तब तरह-तरह की बातें बनाने लगे। गुरुजी उसे देखते ही बोले," बेटा वरदराज!तुम घर नहीं गए क्या ?"वह नर्मदा पूर्वक बोला," गया था ,गुरुजी, पर आधे रास्ते में लौट आया।अब मेरी आंखे खुल गई है।मैंने निश्चय किया है कि मैं पूरी लगन और परिश्रम से पढूंगा। आज से आपको कभी कुछ कहने का अवसर नहीं दूंगा ।
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