History, asked by maahira17, 11 months ago

निम्नलिखित पर एक लघु निबंध लिखिए (लगभग 250-300 शब्दों में) इस अध्याय (भक्ति-सूफ़ी परंपराएँ) में प्रयुक्त किन्हीं पाँच स्रोतों का अध्ययन कीजिए और उनमें निहित सामाजिक व धार्मिक विचारों पर चर्चा कीजिए।

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Answered by nikitasingh79
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इस अध्याय (भक्ति-सूफ़ी परंपराएँ) में प्रयुक्त किन्हीं पाँच स्रोतों का अध्ययन और उनमें निहित सामाजिक व धार्मिक विचारों पर चर्चा निम्न प्रकार से है :  

(1) नलयिरादिव्यप्रबन्धम् :  

यह अलवार संतों का मुख्य काव्य संकलन है जो तमिल वेद के रूप में प्रसिद्ध है। इस ग्रंथ में अलवारसंतों की धार्मिक कार्य प्रणाली ,बौद्ध एवं जैन धर्मों से उनके विरोधात्मक संबंध और समकालीन समाज से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां मिलती है।

(2) तोंदराडिप्पोडि :  

यह काव्य भी एक अलवार संत के द्वारा रचित है । इस काव्य में अलवार संतो के द्वारा जाति व्यवस्था की विरोध के संदर्भ में व्यक्त विचार धाराओं की महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है। इससे यह भी ज्ञात होता है कि अलवार संत विष्णु के भक्त हैं और नयनार संत शिव के उपासक थे।  

(3) कश्फ-उल-महजूब :

अबुल हसन अल हुजविरी, जिन्हें दातागंज बख्स के नाम से भी जाना जाता था, ने किताब कश्फ-उल-महजूब (पर्दे वालों की बेपरदी) लिखी, जिसमें सूफियों की धार्मिक विचारधारा और उनकी सामाजिक स्थिति तथा धार्मिक विचारधारा के बारे में भी जानकारी मिलती है

(4) तजाकिरा (सूफी संतों की जीवनी का स्मरण) :  

भारत में लिखा पहला सूफी तजाकिरा मीर खुर्द किरमानी का सियार उल औलिया है। यह तजाकिरा मुख्यतः चिश्ती संतो के बारे में था।  सबसे प्रसिद्ध तजाकिरा अब्दुल हक मुहादि्दस देहलवी का अखबार - उल -अखयार है। तजाकिरा के लेखकों का मुख्य उद्देश्य अपने सिलसिले की प्रधानता स्थापित करना और साथी ही अपने आध्यात्मिक वंशावली की महिमा का बखान करना था। तजाकिरे के बहुत से वर्णन अद्भुत और अविश्वसनीय है, किंतु फिर भी वे इतिहासकारों के लिए महत्वपूर्ण है और सूफी परंपरा के स्वरूप को समझने में सहायक सिद्ध होते हैं।

(5) मक्तुबात (लिखे हुए पत्रों का संकलन) :  

ये वे पत्र थे जो सूफी संतों द्वारा अपने अनुयायियों और सहयोगियों को लिखे गए थे। इन पत्रों से धार्मिक सत्य के बारे में शेख के अनुभवों का वर्णन मिलता है, जिसे वे अन्य लोगों के साथ बांटना चाहते थे । वे इन पत्रों में अपने अनुयायियों के लौकिक और आध्यात्मिक जीवन , उनकी आकांक्षाओं और कठिनाइयों पर टिप्पणी करते थे।

आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।

इस पाठ  (भक्ति-सूफ़ी परंपराएँ ) के सभी प्रश्न उत्तर :  

https://brainly.in/question/15350340#

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निम्नलिखित पर एक लघु निबंध लिखिए (लगभग 250-300 शब्दों में) क्यों और किस तरह शासकों ने नयनार और सूफ़ी संतों से अपने संबंध बनाने का प्रयास किया?

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निम्नलिखित पर एक लघु निबंध लिखिए (लगभग 250-300 शब्दों में) उदाहरण सहित विश्लेषण कीजिए कि क्यों भक्ति और सूफ़ी चिंतकों ने अपने विचारों को अभिव्यक्त करने के लिए विभिन्न भाषाओं का प्रयोग किया?  

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Answered by sk181231
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Answer:

\displaystyle \text{Let :}\\ \\\displaystyle f(x)=\int {\dfrac{dx}{e^x+8e^{-x}+4e^{-3x}}} \\ \\ \\\displaystyle \text{And} \\ \\\displaystyle g(x)=\int {\dfrac{dx}{e^{3x}+8e^{x}+4e^{-x}}} \\ \\ \\\displaystyle \text{Then find value of :} \\ \\\displaystyle \int {(f(x)-2g(x))dx} \, \quad \text{And} \\ \\ \\\displaystyle \int {(f(x)+2g(x))dx}

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