निम्नलिखित पर एक लघु निबंध लिखिए (लगभग 250 से 300 शब्दों में) एक चित्र और एक लिखित पाठ को चुनकर किन्हीं दो स्रोतों की पड़ताल कीजिए और इस बारे में चर्चा कीजिए कि उनसे विजेताओं और पराजितों के दृष्टिकोण के बारे में क्या पता चलता है?
Answers
एक चित्र की पड़ताल कर करके उनसे विजेताओं और पराजितों के दृष्टिकोण के बारे में निम्न बातें पता चलती है :
टॉम जॉन्स बार्कर का चित्र 'रिलीफ ऑफ लखनऊ' में विद्रोहियों की पराजय और ब्रिटिश सत्ता की निर्विवाद विजय की कहानी प्रस्तुत करती है।
जोजेफ नोएल पेटन का चित्र 'इन मेमोरियम' भारत में जनता की निस्सहाय एवं लाचार स्थिति को दिखाते हुए अपनी सरकार से प्रतिशोध एवं सबक सिखाने की मांग के लिए प्रस्तुत किया गया है।
कुछ चित्रों के माध्यम से अंग्रेजों ने अपनी अपारजेयता का प्रदर्शन करने एवं हिंसक दमन व प्रतिशोध को न्याय पूर्ण सिद्ध करने का प्रयास किया। ऐसे ही एक तस्वीर में न्याय की देवी को आक्रामक मुद्रा में सिपाहियों को अपने पैरों तले कुचलते दिखाया गया है।
कुछ चित्रों में सैनिकों तथा विद्रोह में शामिल अन्य लोगों को खुले स्थान पर सरेआम फांसी चढ़ाते हुए अथवा तोप से उड़ाते हुए दिखाया गया है। यह एक प्रकार से दहशत का प्रदर्शन था । राष्ट्र वादियों ने विद्रोहियों को दमनकारी व साम्राज्यवादी शासन के विरुद्ध वीरता के साथ लड़ते हुए चित्रित किया गया है। झांसी की रानी को प्राय: एक ऐसे मर्दाना व्यक्तित्व के रूप में चित्रित किया गया, जिसमें वह शत्रुओं को मौत की नींद सुलाते हुए आगे बढ़ रही थी।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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Answer:
पहला उदाहरण लेते हैं, यदि हम इस पाठ के चित्र नंबर 11.18 का निरीक्षण करें तो हम पाते हैं कि अंग्रेजों ने जिस संघर्ष को सैनिक विद्रोह का नाम दिया वह वास्तव में भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम था और इस स्वतंत्रता संग्राम का उद्देश्य अंग्रेजों के प्रभाव से देश को मुक्त कर अंग्रेजी सत्ता को उखाड़ फेंकना था।
- जहां झांसी में इस विद्रोह का नेतृत्व रानी लक्ष्मीबाई ने किया और रानी लक्ष्मीबाई वीरता का प्रतीक बन गई।
- वहां पर अनेक महिलाओं ने पुरुषों की तरह लड़ाई अस्त्र-शस्त्र से वीरतापूर्वक अंग्रेजी सैनिकों का मुकाबला किया था और रानी लक्ष्मीबाई स्वयं वीरता पूर्वक अंग्रेजों से लड़ीं और अंत में अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति दे दी।
- रानी लक्ष्मीबाई का यह बलिदान आने वाले समय में एक सबके लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया। जहां चित्रों में रानी की लक्ष्मीबाई की वीरता की साकार प्रतिमा के रूप में चित्रित किया गया है।
- उनके सम्मान में उनकी वीरता के सम्मान में अनेक तरह की कविताओं की रचना की गई। रानी लक्ष्मीबाई अंग्रेजों के प्रति वीरता और प्रतिरोध का प्रतीक बन गई थीं।