History, asked by maahira17, 8 months ago

निम्नलिखित पर एक लघु निबंध लिखिए (लगभग 250 से 300 शब्दों में) औपनिवेशिक शहर में सामने आने वाले नए तरह के सार्वजनिक स्थान कौन से थे? उनके क्या उद्देश्य थे?

Answers

Answered by nikitasingh79
1

औपनिवेशिक शहर में टाउन हॉल, सार्वजनिक पार्क , रंगशालाएं तथा सिनेमा हॉल जैसे कई नए तरह के सार्वजनिक स्थान सामने आए।

औपनिवेशिक शहर जैसे मद्रास ,कोलकाता तथा मुंबई में शासकों ने अपनी आर्थिक गतिविधियों को नियंत्रित करने तथा अपनी प्रभुता को दर्शाने के लिए नए नए संस्थानों की स्थापना की जो निम्नलिखित उद्देश्यों से प्रेरित थे -  

  • मुंबई ,मद्रास और कोलकाता में व्यापारिक केंद्र स्थापित होने के बाद यहां की बस्तियों में वस्तुओं का विशाल भंडार तथा अनेक फैक्ट्रियां स्थापित हो गई थी।

  • इन शहरों में बंदरगाह की मौजूदगी से व्यापार में बहुत आसानी हुई। इन बंदरगाहों पर आसानी से जहाजों द्वारा सामान को उतारा चढ़ाया जाता था । औपनिवेशिक शहरों में नए मानचित्र बनाए गए ,आंकड़ों को इकट्ठा किया गया ,साथ ही शहर में जलापूर्ति, सड़क निर्माण एवं स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं को उपलब्ध कराया गया। नगर निगम लोगों के जन्म एवं मृत्यु का रिकॉर्ड रखता था।

  • 1853 ईसवी में रेलवे के आरंभ के बाद अपने औपनिवेशिक शहरों में रेलवे स्टेशन, रेलवे वर्कशॉप तथा रेलवे लाइनें बिछाई गई। इसके बाद शहरों में बंदरगाह, किले,  शैक्षणिक संस्थानों, रेलवे स्टेशनों जैसे सार्वजनिक स्थानों का विस्तार हुआ। सैनिक छावनियों का विकास सुरक्षित स्थानों के रूप में किया गया। औपनिवेशिक शहरो में बीमा एजेंसियां ,यातायात डिपो तथा बैंकों की स्थापना आर्थिक गतिविधियों एवं लेनदेन को सरल बनाने के उद्देश्य से की गई। लोगों की धार्मिक मान्यताओं के हिसाब से मंदिरों एवं मस्जिदों का निर्माण हुआ। शहरों में भूमिगत पाइपलाइन एवं नाली की व्यवस्था की गई इसका उद्देश्य सफाई की व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालन करना था।

  • बड़े-बड़े शहरों की स्थापना से निर्यात तथा आयात की सुविधा पहले की अपेक्षा बढ़ गई ,जो औपनिवेशिक शासन तंत्र के पक्ष में भी थी । बड़े शहरों की स्थापना के साथ ही नियोक्ता की भरमार हो गई तथा पर्यटन क्षेत्र को भी इससे बढ़ावा मिला।

आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।

इस पाठ  (औपनिवेशिक शहर ) के सभी प्रश्न उत्तर :  

https://brainly.in/question/15465723#

इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :

निम्नलिखित पर एक लघु निबंध लिखिए (लगभग 250 से 300 शब्दों में) अठारहवीं सदी में शहरी केंद्रों का रूपांतरण किस तरह हुआ?  

https://brainly.in/question/15473183#

उत्तर दीजिए ( लगभग 100 से 150 शब्दों में) औपनिवेशिक मद्रास में शहरी और ग्रामीण तत्व किस हद तक घुल-मिल गए थे?

https://brainly.in/question/15466293#

 

Answered by Anonymous
118

Answer:

 \:  \:

Explanation:

  • औपनिवेशिक शहर अर्थात् मुम्बई, मद्रास और कलकत्ता में फैक्ट्रियाँ या व्यापारिक केंद्र स्थापित किए गए जहाँ पर व्यापारिक गतिविधियाँ, सामान का लेन-देन और गोदामों में उन्हें रखा जाता था। इन फैक्ट्रियों में कंपनी के कर्मचारी और अधिकारी भी रहते थे।

  • इन शहरों को बन्दरगाहों के रूप में इस्तेमाल किया गया। यहाँ जहाजों को लादने और उनसे उतारने का काम होता था।

  • शहरों के नक्शे बनवाए गए, आँकड़े इकट्ठे किए गए, सरकारी रिपोर्ट प्रकाशित की गई। ये सभी दस्तावेज प्रशासनिक दफ्तरों में होते थे। शहरों के रख-रखाव के लिए नगरपालिकाएँ बनाई गईं जो शहरों में जलापूर्ति, सड़क निर्माण, स्वास्थ्य जैसी सेवाएँ उपलब्ध करवाती थीं तथा लोगों की मृत्यु और जन्म के रिकॉर्ड भी रखती थीं।।

  • 1853 के बाद से इन शहरों में रेलवे स्टेशन, रेलवे वर्कशाप और रेलवे कॉलोनियाँ और रेलवे लाइन के नेटवर्क बिछाए गए।
Similar questions