निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। (क) भ्रूणकोष (ख) भ्रूणपोष (ग) द्विनिषेचन (घ) अंडद्वारी परbes the followin
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(क) भ्रूणकोष (Embryosac)
$\longrightarrow$ यह एक अण्डाकोर बहुकोशिकीय संरचना होती है। यह बीजाण्डकाय में फंसी होती है ।
$\longrightarrow$ भ्रूणकोष एक पतली पेक्टिन और सेलुलोज के बने यौगिक की झिल्ली से ढंका होता हैं जो क्रियाशील महाबीजाणु की भित्ति से बनती है।
(ख) भ्रूणपोष (Endosperm)
$\longrightarrow$ द्विनिषेचन की क्रिया में जब नर युग्मक द्वितीयक केंद्रक से संलयन करता है तो इसके फलस्वरूप प्राथमिक भ्रूणपोष केंद्रक बनता है, यह सामान्यतः त्रिगुणित होता है।
$\longrightarrow$ यह केंद्रक कई बार विभाजित होकर भ्रूणपोष का निर्माण करता है। ,
(ग) द्विनिषेचन (Double fertilization)
$\longrightarrow$ आवृत्तबीजियों में निषेचन की प्रक्रिया दो बार होती है | एक नर युग्मक अंडकोशिका से तथा दूसरा नर युग्मक द्वितीयक केन्द्रक (2n) से संलयित होता है, यह प्रक्रिया द्विनिषेचन कहलाती है।
(घ) अंडद्वारी (Paragomy)
$\longrightarrow$ परागनलिका का बीजांड में पवेश बीजांड द्वार में से होता है।