निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए :
(क) भारत की परमाणु नीति
(ख) विदेश नीति के मामलों पर सर्व-सहमति
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(क) भारत की परमाणु नीति
"भारत की परमाणु नीति;
भारत ने १९७४ के मई में परमाणु परीक्षण किया। नेहरू की औद्योगीकरण की नीति का एक महत्वपूर्ण घटक परमाणु कार्यक्रम था।
भारत शांतिपूर्ण उद्देश्यों में इस्तेमाल के लिए अणु ऊर्जा बनाना चाहता था। नेहरूने महाशक्तियों पर व्यापक परमाणु निशस्त्रीकरण के लिए ज़ोर दिया।संयुक्त राज्य अमरीका, सोवियत संघ, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन ने दुनिया के अन्य देशों पर १९६८ की परमाणु अप्रसार संधि को थोपना चाहा। भारत हमेशा से इस संधि को भेदभावपूर्ण मानता आया था। भारत ने इस पर दस्तखत करने से इनकार कर दिया ।भारत ने परमाणु अप्रसार के लक्ष्य को ध्यान रखकर की गई संधियों का विरोध किया क्योंकि ये संधियाँ उन्हीं देशों पर लागू होने को थीं जो परमाणु शक्ति से हीन थे।
भारत ने १९९८ के मई में परमाणु परीक्षण किए और यह जताया कि उसके पास सैन्य उद्देश्यों के लिए अणुशक्ति को इस्तेमाल में लाने की क्षमता है।
विदेश-नीति के मामलों पर सर्व-सहमति:
राजनीतिक दलों के बीच विदेश नीति के बारे में छोटे-मोटे मतभेद जरूर हैं लेकिन भारतीय राजनीति में विभिन्न दलों के बीच राष्ट्रीय अखंडता, अंतर्राष्ट्रीय सीमा रेखा की सुरक्षा तथा राष्ट्रीय हित के मसलों पर व्यापक सहमति है।विदेश नीति हमेशा राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर बनाई जाती है। "