निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखिए-(i) मध्य हिमालय (ii) मध्य उच्च भूमि (iii) भारत के द्वीप समूह
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उत्तर :
(i) मध्य हिमालय :
मध्य हिमालय हिमाद्री के दक्षिण में फैला हुआ है। इन पर्वतों की औसत चौड़ाई लगभग 50 किलोमीटर तथा ऊंचाई 3700 से 4500 मीटर तक है । मध्य हिमालय में कश्मीर की पीर पंजाल श्रेणी तथा जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में फैली धौलाधार श्रेणी है । महाभारत श्रेणी जो नेपाल में है इसी का हिस्सा है। सभी प्रमुख पर्वतीय नगर डलहौजी ,धर्मशाला, शिमला, मसूरी, नैनीताल , दार्जिलिंग आदि मध्य हिमालय में ही स्थित है।
(ii) मध्य उच्च भूमि :
प्रायद्वीपीय पठार को नर्मदा नदी ने दो हिस्सों में बांट दिया है। इसके उत्तरी भाग को मध्यवर्ती उच्च भूमियां कहते हैं। यह भाग कठोर आग्नेय तथा अवसादी शैलों का बना है।
(iii) भारत के द्वीप समूह :
केरल तट के पश्चिम में अरब सागर में छोटे-छोटे बहुत द्वीप है। इन्हें प्रवालद्वीप वलय कहते हैं क्योंकि इनका निर्माण अल्पजीवी सूक्ष्म प्रवाल जीवों के अवशेषों के जमा होने से हुआ है। इनमें से बहुत द्वीपों की आकृति घोड़े की नाल या अंगूठी की तरह है।
भारत में बंगाल की खाड़ी में भी अनेक द्वीप है। इन्हें अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह कहते हैं। ये द्वीप आकार में बड़े भी है और संख्या में भी बहुत हैं। ये द्वीप पानी में डूबी हुई पहाड़ियों की श्रृंखला पर स्थित है। कुछ द्वीपों की उत्पत्ति ज्वालामुखी के उद्गार से हुई है। भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूहों पर स्थित है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।।
Answer:(i) मध्य हिमालय :
मध्य हिमालय हिमाद्री के दक्षिण में फैला हुआ है। इन पर्वतों की औसत चौड़ाई लगभग 50 किलोमीटर तथा ऊंचाई 3700 से 4500 मीटर तक है । मध्य हिमालय में कश्मीर की पीर पंजाल श्रेणी तथा जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में फैली धौलाधार श्रेणी है । महाभारत श्रेणी जो नेपाल में है इसी का हिस्सा है। सभी प्रमुख पर्वतीय नगर डलहौजी ,धर्मशाला, शिमला, मसूरी, नैनीताल , दार्जिलिंग आदि मध्य हिमालय में ही स्थित है।
(ii) मध्य उच्च भूमि :
प्रायद्वीपीय पठार को नर्मदा नदी ने दो हिस्सों में बांट दिया है। इसके उत्तरी भाग को मध्यवर्ती उच्च भूमियां कहते हैं। यह भाग कठोर आग्नेय तथा अवसादी शैलों का बना है।
(iii) भारत के द्वीप समूह :
केरल तट के पश्चिम में अरब सागर में छोटे-छोटे बहुत द्वीप है। इन्हें प्रवालद्वीप वलय कहते हैं क्योंकि इनका निर्माण अल्पजीवी सूक्ष्म प्रवाल जीवों के अवशेषों के जमा होने से हुआ है। इनमें से बहुत द्वीपों की आकृति घोड़े की नाल या अंगूठी की तरह है।
भारत में बंगाल की खाड़ी में भी अनेक द्वीप है। इन्हें अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह कहते हैं। ये द्वीप आकार में बड़े भी है और संख्या में भी बहुत हैं। ये द्वीप पानी में डूबी हुई पहाड़ियों की श्रृंखला पर स्थित है। कुछ द्वीपों की उत्पत्ति ज्वालामुखी के उद्गार से हुई है। भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूहों पर स्थित है।
Hope you understand...
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