निम्नलिखित पद्मांशों की ससंदर्भ व्याख्या कीजिये पथ को न मलिन करता आना, पद-चिह्न न दें जाता जाना, सुधि मेरे आगम की जग में सुख की सिहरन हो अंत खिली विस्तृत नभ का कोई कोना, मेरा न कभी अपना होना परिचय इतना इतिहास यही उमड़ी कल थी मिट आज चली!
Answers
Answered by
0
sorry friend I don't understand your question
Answered by
0
Answer:
jgjchchhb Hjughftyghvvjhjrfhufdvghfgh chubby. vhgvvh
Similar questions