Hindi, asked by hakameram4, 6 months ago

निम्नलिखित पठित गद्यांश पढकर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कुछ लोग तो औपचारिकता निभाने की हद कर देते हैं, विशेष कर वे रिश्तेदार जो दूसरे गाँवो से मिलने
आते है। ऐसे में एक दिन एक टैक्सी कमरे के सामने आकर रूकी। उसमें से निकलकर एक आदमी आते ही मेरी
छाती पर सिर रखकर आँधा पड़ रोने लगा और कहने लगा- "हाय, तुम्हें क्या हो गया? कारवालों का सत्यानाश
हो!" मैंने दिल में कहा कि मुझे जो हुआ सो हुआ, पर तू क्यों रोता है, तुझे क्या हुआ? वह थोड़ी देर मेरी छाती
में मुंह गढ़ाए रोता रहा। फिर रोना कुछ कम हुआ। उसने मेरी छाती से गरदन हटाई और जब मुझसे आँख मिलाई,
तो एकदम चुप हो गया। फिर धीरे-से हँसते हुए बोला- "माफ करना, मैं गलत कमरे में आ गया था। आजकल
लोग ठीक से बताते भी तो नहीं। गुप्ता जी का कमरा शायद बगल में है। हे-हैं-हें! अच्छा भाई. माफ करना।
कहकर वह चला गया। अब वहीं रोने की आवाज मुझे पड़ोस के कमरे से सुनाई पड़ी। मुझे उस आदमी से अधिक
गुस्सा अपनी पत्नी पर आया क्योंकि इस प्रकार रोता देख पत्नी ने उसे मेरा रिश्तेदार या करीबी मित्र समझकर
टैक्सीवाले को पैसे दे दिए थे।​

Answers

Answered by naralevithoba47
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Explanation:

कर वे रिश्तेदार जो दूसरे गाँवो से मिलने

आते है। ऐसे में एक दिन एक टैक्सी कमरे के सामने आकर रूकी। उसमें से निकलकर एक आदमी आते ही मेरी

छाती पर सिर रखकर आँधा पड़ रोने लगा और कहने लगा- "हाय, तुम्हें क्या हो गया? कारवालों का सत्यानाश

हो!" मैंने दिल में कहा कि मुझे जो हुआ सो हुआ, पर तू क्यों रोता है, तुझे क्या हुआ? वह थोड़ी देर मेरी छाती

में मुंह गढ़ाए रोता रहा। फिर रोना कुछ कम हुआ। उसने मेरी छाती से गरदन हटाई और जब मुझसे आँख मिलाई,

तो एकदम चुप हो गया। फिर धीरे-से हँसते हुए बोला- "माफ करना, मैं गलत कमरे में आ गया था। आजकल

लोग ठीक से बताते भी तो नहीं। गुप्ता जी का कमरा शायद बगल में है। हे-हैं-हें! अच्छा भाई. माफ करना।

कहकर वह चला गया। अब वहीं रोने की आवाज मुझे पड़ोस के कमरे से सुनाई पड़ी। मुझे उस आदमी से अधिक

गुस्सा अपनी पत्नी पर आया क्योंकि इस प्रकार रोता देख पत्नी ने उसे मेरा रिश्तेदार या करीबी मित्र समझकर

टैक्सीवाले को पैसे दे दिए थे।

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