निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियां कीजिए: हमदर्दी जताने वालों में वे लोग जरूर आएंगे, जिनकी हम सूरत भी नहीं देखना चाहते। हमारे शहर में एक कवि हैं, श्री लपकानंद। उनकी बेतुकी कविताओं से सारा शहर परेशान है। मैं अकसर उन्हें दूर से देखते देखते ही भाग खड़ा होता हूं । जानता हूं जब भी मिलेंगे दस-बीस कविताएं पिलाए बिना नहीं छोड़ेंगे। एक दिन बगल में झोला दबाए आ पहुंचे। आते ही कहने लगे-" मैं तो पिछले चार-पांच दिनों से कवि सम्मेलनों में अति व्यस्त था। सच कहता हूं कसम से, मैं आपके बारे में ही "मैं सोचता रहा। रात भर मुझे नींद नहीं आई और हां, रात को इसी संदर्भ में यह कविता बनाई....। यह कहा झोले में से डायरी निकाली और लगे सुनाने "असम की राजधानी है शिलांग मेरे दोस्त की टूट गई है टांग मोटरवाले तेरी ही साइड थी रॉन्ग।"कविता सुनाकर मुझे देख ऐसे देख रहे थे, जैसे मानो उनकी एक आंख पूछ रही हो-' कहो, कविता कैसी रही ? और दूसरी आंख पूछ रही हो-'बोल, बेटा अभी मुझ से भागेगा? मैंने जल्दी से चाय पिलाई और फिर कविताएं सुनाने का वादा कर बड़ी मुश्किल से विदा किया। अब रोज ईश्वर से प्रार्थना करता हूं अगर मुझे मेरी दूसरी टांग भी तोड़नी हो तो जरूर तोड़ मगर कृपा कर उस जगह तोड़ना जहां मेरा कोई परिचित न हो, क्योंकि बड़े बेदर्द होते हैं यह हमदर्दी जताने वाले।
आकृति पूर्ण कीजिए:
(1) कवि लपकानंद ने यह कहा
(2) कवि लपकानंद के विषय में लेखक ने यह बताया
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