निम्नलिखित पठित पद्यांश को पढकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
मैया, कबहिं बढ़ेगी चोटी?
कितनी बार मोहिं दूध पियत भई ,यह अजहूं है छोटी।
तू जो कहति बल की बेनी ज्य', हेन्त्र है लांबी-मोटी।
काढ़त -गुहत न्हवावत जेहै ,नागिनी सी भूई लोटी।
कांचौ दूध पियावत पचि -पचि, देती न माखन-रोटी।
सूरज चिरजीवो दोउ भैया, हरि-हलधर की जोटी।
(क) श्रीकृष्ण माता यशोदा से कौन- सा प्रश्न कर रहे हैं?
(ख) श्रीकृष्ण का मनपसंद खाद्य पदार्थ क्या है?
(ग) मां यशोदा कौन -सा आशीर्वाद देती है?
(घ) श्रीकृष्ण को क्या पसंद नहीं है?
(ड) कवि और कविता का नाम लिखिए।
Answers
Answer:
किती बार मोहि दूध पियत भइ, यह अजहूँ है छोटी ॥
तू जो कहति बल की बेनी ज्यौं, ह्वै है लाँबी-मोटी ।
काढ़त-गुहत-न्हवावत जैहै नागिनि-सी भुइँ लोटी ॥
काँचौ दूध पियावति पचि-पचि, देति न माखन-रोटी ।
सूरज चिरजीवौ दोउ भैया, हरि-हलधर की जोटी ॥
भावार्थ :-- (श्यामसुन्दर कहते हैं-) `मैया ! मेरी चोटी कब बढ़ेगी ? मुझे दूध पीते कितनी देर हो गयी पर यह तो अब भी छोटी ही है । तू जो यह कहती है कि दाऊ भैया की चोटी के समान यह भी लम्बी और मोटी हो जायगी और कंघी करते, गूँथते तथा स्नान कराते समय सर्पिणी के समान भूमि तक लोटने (लटकने) लगेगी (वह तेरी बात ठीक नहीं जान पड़ती)। तू मुझे बार-बार परिश्रम करके कच्चा (धारोष्ण) दूध पिलाती है, मक्खन-रोटी नहीं देती ।'(यह कहकर मोहन मचल रहे हैं ।) सूरदास जी कहते हैं कि बलराम घनश्याम की जोड़ी अनुपम है, ये दोनों भाई चिरजीवी हों ।बार-बार परिश्रम करके कच्चा (धारोष्ण) दूध पिलाती है, मक्खन-रोटी नहीं देती ।'(यह कहकर मोहन मचल रहे हैं ।) सूरदास जी कहते हैं कि बलराम घनश्याम की जोड़ी अनुपम है, ये दोनों भाई चिरजीवी हों ।
Explanation:
Raag Raamakalee
Maiyaa, Kabahi Baddhaigee Chotee
kitee Baar Mohi Doodh Piyat Bhai, Yah Ajahoon Hai Chhotee ॥
too Jo Kahati Bal Kee Benee Jyaun, Hvai Hai Laanbee-motee ;
kaaddhat-guhat-nhavaavat Jaihai Naagini-see Bhuin Lotee ॥
kaanchau Doodh Piyaavati Pachi-pachi, Deti N Maakhan-rotee ;
sooraj Chirajeevau Dou Bhaiyaa, Hari-haladhar Kee Jotee ॥
Bhaavaartha :-- (shyaamasundar Kahate Hain-) `maiyaa ! Meree Chotee Kab Baddhegee ? Mujhe Doodh Peete Kitanee Der Ho Gayee Par Yah To Ab Bhee Chhotee Hee Hai ; Too Jo Yah Kahatee Hai Ki Daaoo Bhaiyaa Kee Chotee Ke Samaan Yah Bhee Lambee Aor Motee Ho Jaayagee Aor Kanghee Karate, Goonthate Tathaa Snaan Karaate Samay Sarpinee Ke Samaan Bhoomi Tak Lotane (latakane) Lagegee (vah Teree Baat Theek Nahee Jaan Paddatee); Too Mujhe Baar-baar Parishram Karake Kachchaa (dhaaroshn) Doodh Pilaatee Hai, Makkhan-rotee Nahee Detee ;'(yah Kahakar Mohan Machal Rahe Hai ;) Sooradaas Jee Kahate Hai Ki Balaraam Ghanashyaam Kee Joddee Anupam Hai, Ye Dono Bhaaee Chirajeevee Ho ;