Hindi, asked by shamohit7777, 6 months ago

निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़े और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखे |

अभी न होगा मेरा अंत अभी-अभी ही तो आया है
मेरे वन में मृदुल वसंत अभी न होगा मेरा अंत। हरे-हरे ये पात, डालियाँ, कलियाँ, कोमल गात। मैं ही अपना स्वप्न-मृदुल-कर फेरूँगा लंगा निद्रित कलियों पर जगा एक प्रत्यूष मनोहर।

4 . कविता के लेखक का नाम है | *​

Answers

Answered by singhtejaswini438
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Explanation:

Suryakant Tripathi Nirala

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