नेम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचन
घोर अंधकार हो,
चल रही बयार हो,
आज द्वार-द्वार पर वह दिया बुझे नहीं
यह निशीथ का दिया ला रहा विहान है।
शक्ति का दिया हुआ,
शक्ति को दिया हुआ, enka arth
Answers
Explanation:
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निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना पर पूछे गए प्रश्न का उत्तर दीजिए।
घोर अंधकार हो,
चल रही बयार हो,
आज द्वार-द्वार पर वह दिया बुझे नहीं
यह निशीथ का दिया ला रहा विहान है।
शक्ति का दिया हुआ,
शक्ति को दिया हुआ, enka arth
शक्ति को दिया हुआ का अर्थ क्या है?
उत्तर : यहाँ पर दिया का दो अर्थ हैं। एक दिया का अर्थ है, दीप या दीपक।
दूसरे दिया का अर्थ है, देने का भाव।
पहली पंक्ति में दिया का प्रयोग को दीप के संदर्भ में प्रयुक्त किया गया है।
दूसरी पंक्ति में दिया को देने के भाव के संदर्भ में प्रयुक्त किया गया है।
अर्थात शक्ति का दिया यानि दीप जो शक्ति ने हमको दिया है। इसे हमें बुझने नही देना है।
#SPJ3
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https://brainly.in/question/54548066
उठे राष्ट्र तेरे कंधों पर बढ़े प्रगति के प्रांगण में, पृथ्वी को रख दिया उठाकर तूने नभ के आँगन में । विजय वैजन्ती फहरी है जो जग के कोने-कोने में, उसमें तेरा नाम लिखा है जीने में बलि होने में! तेरे बाहुदण्ड में वह बल जो केहर कटि तोड़ सके, तेरे दृढ़ स्कन्ध में वह बल जो गिरि से ले होड़ सके।
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निम्नलिखित पद्यांश का संदर्भ, प्रसंग सहित लिखिए
पग घुघुरू बांधि मीरा नाची,
मै तो मेरे नारायण सूं, आपहि हो गई साची
लोग कहै, मीरा भई बाबरी, न्यात कहै कुल -नासी
विस का प्याला राणा भेज्या, पीवत मीरा हाँसी
मीरा के प्रभु गिरधर नागर, सहज मिले अविनासी।