India Languages, asked by baby1737, 10 months ago

निम्नलिखित पद्यों में से किसी एक की सन्दर्भ सहित हिन्दी में व्याख्या
कीजिए :
क–लक्ष्मीन या याचकदुःखहारिणी

विद्या न याऽप्यच्युतभक्तिकारिणी ।
पुत्रो न यः पण्डितमण्डलाग्रणीःसा नैव सा नैव सा नैव ।।ख-श्रद्धावॉल्लभते ज्ञानं तत्परः संयतेन्द्रियः ।ज्ञानं लब्वा परां शान्तिमचिरेणाधिगच्छति ।।

Answers

Answered by Anonymous
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Explanation:

i) उपरोक्त गद्यांश किस पुस्तक से उद्धृत है?

(ii) चन्द्रापस्य प्रसादभूमिः का अस्ति?

(iii) "अहो मानुषीषु पक्षपातः प्रजापते:" रेखांकित अंश का अनुवाद लिखिए।

(iv) 'करतलेन' में कौन-सी विभक्ति है?

(v) मुहुर्मुहुः' का शाब्दिक अर्थ लिखिए।

Answered by coolthakursaini36
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रूप ...................................रेखा|

लक्ष्मी न ....................सा नैव ।।

प्रसंग -> प्रस्तुत श्लोक हमारी संस्कृत की पाठ्य पुस्तक ‘पद्य पीयूषम्’ के पाठ ‘सूक्ति-सुधा’ से लिया गया है इसमें कवि ने लक्ष्मी, विद्या और पुत्र का वर्णन किया है|

व्याख्या-> लक्ष्मी जो याचकों के दुःख को दूर न करे, विद्या जो विष्णु भक्ति में मन न लगाए, पुत्र जो विद्वानों में प्रतिष्ठा प्राप्त न करे, ये तीनों न होने के बराबर ही है|

भाव-> लक्ष्मी, विद्या और पुत्र इन तीनों को सार्थक होना चाहिए|

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