Hindi, asked by kunal4381, 2 months ago

निम्नलिखित पद्यांश का भाव-सौन्दर्य एवं भाषा-शिल्प स्पष्ट कीजिए
हम तो एक एक करि जाना।
दोइ कहैं तिनहीं कौ दोजग जिन नाहिंन पहिचाना।।
एकै पवन एक ही पानी एकै जोति समानां।
कै खाक गढ़े सब भांडै एकै कोहरा सांनां।।​

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Answered by utkarsh2772
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Answer:

हम तो एक एक करि जाना।

दोइ कहैं तिनहीं कौ दोजग जिन नाहिंन पहिचाना।।

एकै पवन एक ही पानी एकै जोति समानां।

कै खाक गढ़े सब भांडै एकै कोहरा सांनां।।

भावार्थ :–

कबीरदास कहते हैं कि हमने तो जान लिया है कि ईश्वर एक ही है। इस तरह से मैंने ईश्वर के अद्वैत रूप को पहचान लिया है। हालाँकि कुछ लोग ईश्वर को अलग-अलग बताते हैं; उनके लिए नरक की स्थिति है, क्योंकि वे वास्तविकता को नहीं पहचान पाते। वे आत्मा और परमात्मा को अलग-अलग मानते हैं।

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