निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए -
रोटी उसकी, जिसका अनाज, जिसकी ज़मीन, जिसका श्रम है;
अब कौन उलट सकता स्वतंत्रता का सुसिद्ध, सीधा क्रम है।
आज़ादी है, अधिकार परिश्रम का पुनीत फल पाने का;
आज़ादी है, अधिकार शोषणों की धज्जियाँ उड़ाने का।
गौरव की भाषा नई सीख, भिकमंगों- सी आवाज़ बदल;
सिमटी बाँहों को खोल गरुड़, उड़ने का अब अंदाज़ बदल।
स्वाधीन मनुज की इच्छा के आगे पहाड़ हिल सकते हैं;
रोटी क्या? ये अंबर वाले सारे सिंगार मिल सकते हैं।
क) आज़ादी क्यों आवश्यक है?
ख) सच्चे अर्थों में रोटी पर किसका अधिकार है?
ग) कवि, व्यक्ति को क्या परामर्श देता है?
घ) ‘आज़ादी’ शब्द के दो पर्यायवाची लिखिए |
ङ) उपुरोक्त पद्यांश को उचित शीर्षक दीजिए |
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1.अधिकार परिश्रम का पुनीत फल पाने काऔर अधिकार शोषणों की धज्जियाँ उड़ाने को।
2. जो मेहनत करता हैं उसका।
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