Hindi, asked by arshpreet916, 10 months ago

निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नो के उत्तर लिखिए।
बाजार को सार्थकता भी वही मनुष्य देता है की वह क्या चाहता है। जो नहीं जानते है की वह क्या चाहते है, अपने पंचेजिंग पावर के गर्व में अपने पैसे से केवल एक विनाशक शक्ति- शैतानी शक्ति, व्यंग की शक्ति ही बाजार को दे सकते है। वे लीग बाजार का बाज़ारूपन बढ़ते है। जिसका मतलब है की कपट बढ़ाते है। कपट की बढ़ी का अर्थ परस्पर में सध्भाव की घटी।
बाजार की सार्थकता कोण देता है?

Answers

Answered by samikshachavan1203
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bazaar ki sartakta manushya hi deta hai

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