Hindi, asked by salmonekka07gmailcom, 7 hours ago

निम्नलिखित पद्यांश की संदर्भ, प्रसंग तथा विशेष सहित व्याख्या
एकै संग धाए नँदलाल औ गुलाल दोऊ,
ES
दृगनि गए जु भरि आनंद मढे नहीं।
धोय - धोय हारी, पद्माकर'तिहारी सौंह,
अब तौ उपाय एक चित्त में चढ़े नहीं।।"​

Answers

Answered by enderdragon90
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Answer:

मीरा का हृदय कृष्ण के पास रहना चाहता है। उसे पाने के लिए इतना अधीर है कि वह उनकी सेविका बनना चाहती हैं। वह बाग-बगीचे लगाना चाहती हैं जिसमें श्री कृष्ण घूमें, कुंज गलियों में कृष्ण की लीला के गीत गाएँ ताकि उनके नाम के स्मरण का लाभ उठा सके। इस प्रकार वह कृष्ण का नाम, भावभक्ति और स्मरण की जागीर अपने पास रखना चाहती हैं और अपना जीवन सफल बनाना चाहती हैं।

Explanation:

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