Hindi, asked by aman8770kushwaha, 4 months ago

-निम्नलिखित पद्यांश की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए।
यही थी क्या उनकी पत्नी, जिसके हाथों में कोमल स्पर्श, जिसकी मुस्कान की याद
मे उन्हों सम्पूर्ण जीवन काट दिया था? उन्हें लगा कि वह लावण्यमयी युवती जीवन की राह
में कही खो गइ है, और उसकी जगह आज जो स्त्री है वह उनके मन और प्राणों के लिए
नितान्त अपरिचिता है

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Answered by bhatiamona
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निम्नलिखित पद्यांश की संदर्भ सहित व्याख्या

संदर्भ : प्रस्तुत पद्यांश वापसी कहानी से लिया गया है| यह कहानी लेखिका ‘उषा प्रियंवदा’ द्वारा लिखी गई है|‘वापसी’ कहानी पुरुष पर केन्द्रित कहानी है।  

प्रसंग :प्रस्तुत पद्यांश में गजाधर बाबू अपनी पत्नी को समझाते हुए कहते है कि जीवन में सबसे बड़ा सुख परिवार के साथ रहने में होता है| जीवन का सुख धन में नहीं है , धन तो आता-जाता रहता है| यह बात उनकी पत्नी नहीं समझ पाई और आँख बंद करके सो गई|

व्याख्या: गजाधर बाबू सोती हुई पत्नी को देखकर पहले के बिताए हुए पलों को याद करने लगे जब उन्होंने अपनी पत्नी के बिना रेलवे के सूने क्वार्टर में रहकर जीवन के पैंतीस वर्ष बिता दिये , लेकिन जब उनका साथ में बिताने के समय आया तब स्पर्श व मनमोहक मुस्कान कहाँ पता नही कहाँ चली गई| आज उनकी पत्नी बिलकुल अनजान सी लग रही थी|जैसे उनकी पत्नी का उनसे कोई नाता न हो| कभी सुन्दर लगने वाली उनकी पत्नी कुरूप , बेडौल और थुल-थुल लग रही थी| वह अपनी पत्नी को देखते रहे और अंत में सो गए|

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