Hindi, asked by sakshamsingh1888, 10 months ago

निम्नलिखित पद्यांश की सन्दर्भ सहित व्याख्या कीजिए और काव्यगत सौन्दर्य स्पष्ट कीजिए–
दुःख पाते जब होते अनाथ,
कहते कपियों के जोड़ हाथ,
मेरे पड़ोस के वे सज्जन,
करते प्रतिदिन सरिता-मज्जन,
झोली से पुए, निकाल लिये,
बढ़ते कपियों के हाथ दिये,
देखा भी नहीं उधर फिर कर
जिस ओर रहा वह भिक्षु इतर,
चिल्लाया किया दूर दानव,
बोला मैं–"धन्य, श्रेष्ठ मानव !"

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Answered by Arunavmanna
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Answer:

Mujhe Hindi nahi Pata any other language please

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