निम्नलिखित पद्यांश की ससन्दर्भ व्याख्या कीजिए- रवि हुआ अस्त ज्योति के पत्र पर लिखा अमर रह गया राम-रावण का अपराजेय समर आज का तीक्ष्ण-शर-विधृत-क्षिप्र-कर वेग-प्रखर, शत शेल संवरण शील, नील नभ गजित-स्वर
Answers
Answered by
0
Answer:
please write in english words.you can translate in goo
Answered by
0
दिए गए पद्यांश की ससन्दर्भ व्याख्या निम्न प्रकार से की गई है।
संदर्भ
- दी गई पंक्तियां " राम शक्ति पूजा " कविता से ली गई है।
- इस कृति के रचनाकार है " सूर्यकांत त्रिपाठी निराला " जी।
प्रसंग -
- राम तथा रावण के बीच युद्ध भूमि में युद्ध चल रहा है, ये पंक्तियां उस प्रसंग की है।
व्याख्या -
- सूर्यास्त हो गया है, ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ है कि दोनों प्रतिद्वंदी सेनार्ये आमने सामने लड़ रही है, दोनों प्रतिद्वंदी आमने सामने है, कोई निर्णय नहीं हो पा रहा है इसलिए यह दिन इतिहास में अमर है । यह अनिर्णायक युद्ध चल रहा है।
- रामजी तीखे वाण पूरे वेग से चला रहे है, इन बाणों में सैकड़ों भालों के प्रहार को रोकने की शक्ति है।नीला आकाश सेना की गर्जन से गूंज रहा है ।
#SPJ3
Similar questions
History,
28 days ago
Hindi,
28 days ago
Social Sciences,
28 days ago
Math,
1 month ago
Social Sciences,
1 month ago
English,
9 months ago
History,
9 months ago