निम्नलिखित पद्यांश को ध्यान से पढ़िए और नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए | अपने नहीं अभाव मिटा पाया जीवन भर पर औरों के सभी अभाव मिटा सकता हूँ | तूफानों-भूचालों के भयप्रद छाया में, मैं ही एक अकेला हूँ, जो गा सकता हूँ | मुझको अपने पर अदम्य विश्वास रहा है मैं खंडहर को फिर से महल बना सकता हूँ | जब-जब भी मैंने खंडहर आबाद किये हैं, प्रलय-मेघ भूचाल देख मुझको शरमाए | मैं मजदूर मुझे देवों की बस्ती से क्या मैंने अगणित बार धरा पर स्वर्ग बनाए क)‘मैं खंडहर को फिर से महल बना सकता हूँ |’- पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए |
(ख)
मजदूर इस पृथ्वी पर स्वर्ग कैसे बनाते हैं ? स्पष्ट कीजिए |
(ग)
‘जिसे दबाया न जा सके’ के लिए पद्यांश में किस शब्द का प्रयोग हुआ है ?
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अपने नहीं अभाव मिटा पाया जीवन भर पर औरों के सभी अभाव मिटा सकता हूँ। तूफानों-भूचालों की भयप्रद छाया में, मैं ही एक अकेला हूँ जो गा सकता हूँ। मेरे 'मैं' की संज्ञा भी इतनी व्यापक है, इसमें मुझ-से अगणित प्राणी आ जाते हैं
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