Hindi, asked by anjalisahu70818635, 6 months ago

निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
फूल से बोली कली “क्यों व्यस्त मुरझाने में है,
फायदा क्या गंध और मकरंद बिखराने में है?
तू स्वयं को बांटता है, जिस घड़ी से तू
खिला
किन्तु इस उपकार के बदले में तुझको क्या मिला?
देख मुझको, सब मेरी खुशबू मुझी में बंद है,
मेरी सुंदरता है अक्षय, अनछुआ मकरंद है
(मैं किसी लोलुप भ्रमर के जाल में फंसती नहीं
मैं किसी को देखकर रोती नहीं हंसती नहीं
कली ने फून से क्या कहा?
मकरंद का अर्थ है?
खुशबू का पर्यायवाची शब्द लिखिए।
कली किसके जाल में नहीं फंसती?
इस पद्यांश का शीर्षक लिखिए।​

Answers

Answered by PayalBurnwal
0

Answer:

.पुरी कविता

.स्वरूप

.महक

. काँटों

Explanation:

इस कविता का शीर्षक है फूल और

Similar questions