निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर सूचनाओं के अनुसार कुत्तिया पूर्ण कीजिए देखा सब संसार मे ,मतलब काय व्यवहार जब मे लगी पैसस गाठ मे, तब लगी ता को यार तब लगि ताको यार, यार संग ही संग डोले पैसा राहा न पास, यार मुख से नही, बोले कहा गिरीधर कविराय, जगत का येही लेखा करत बॅग अर्जी प्रीती, मित्र कोई बिरला देखा इस कविता का अंतिम चार पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए
Answers
Answered by
2
Answer:
कवि कहते हैं कि हमें अपने मन में इस बात की गाँठ बाँध लेनी चाहिए कि इस संसार में गुणहीन व्यक्ति का कोई महत्त्व नहीं होता है। साँई सब संसार में, मतलब का व्यवहार। जब लग पैसा गाँठ में, तब लग ताको यार॥ ... अत: कवि कहते हैं कि संसार का यही नियम है कि बिना स्वार्थ के कोई किसी का सगा-संबंधी नहीं होता।
Similar questions
Sociology,
2 months ago
History,
2 months ago
Hindi,
4 months ago
Social Sciences,
4 months ago
Math,
1 year ago