निम्नलिखित पदयांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
पर्वत कहता शीश उठाकर, तुम भी ऊचे बन जाओ, सागर कहता है लहरा कर, मन में गहराई लाओ।
पृथ्वी कहती धर्य ना छोड़ो, कितना ही हो सिर पर भार।
नव कहता है कि फैलो इतना, टक लो तुम सारा संसार।
समझ रहे हो क्या कहती है, उठ उठ कर तरल तरंग।
भर लो अपने मन में,
मीठी-मीठी मृदुल उमंग।
1.सागर से हमें क्या शिक्षा मिलती है,?
2. पृथ्वी से हमें क्या सीख मिलती है?
3.नभ से हमें क्या प्रेरणा मिलती है।
4. गहराई शब्द में मूल शब्द क्या है?
5. उपर्युक्त पट्यांश का उचित शीर्षक क्या हो सकता है?
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सागर से हमें सीख मिलती है कि अपने मन मे गहराई लओ।
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1. Sagar se hame lahra kar, man me gharai laoo ye shiksha milti he.
2. pruthvi se hame dharya na chodo, Kitna he ho sir par bhar ye shik milti he.
3. nabh se hame faloo itna, tak lo tum Sara sansar.
4. gharai sabda me mul sabda rai he.
5. upurtak patyass ka uchit sisrak mithi mithi mrudul umang ho sakta he.
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