निम्नलिखित सूचनाएँ पढ़ें।
(कहानी-लेखन)-
1.किसान का बेटा-आलसी और आपसी झगड़े -किसान परेशान-
बीमार पड़ना-बेटों को सुधारने का उपाय सोचना - एक-एक लकड़ी
काटने को कहना-चारों लड़कियां एकसाथ बाँधना - उन्हें तोड़ने को
कहना-असमर्थ निकलना।(10marks)
Answers
कहानी लेखन...
।। एकता में शक्ति ।।
प्रश्न में दिए गए संकेतों के आधार पर कहानी इस प्रकार है...
किसी गाँव में एक किसान रहता था उसके चार बेटे थे। किसान परिश्रमी था और उसके पास धन संपत्ति थी। लेकिन उसके चारों बेटे बेहद आलसी थे वह दिन भर पड़े रहते और आपस में झगड़ते रहते थे। किसान उनकी यह दशा देखकर परेशान हो उठता था।
एक बार किसान बीमार पड़ गया और उसे आभास हो गया कि अब उसका अंत समय निकट आ गया है। तब उसे अपने बेटों की चिंता हुई कि मेरे बाद भी यदि यह चारों ऐसे ही झगड़ते रहे तो एक दूसरे का नुकसान कर बैठेंगे। इसलिए उसने समझाने के लिए अपने चारों बेटों को सुधारने का उपाय सोचना आरंभ किया। फिर उसके दिमाग में एक उपाय आया। उसने अपने चारों बेटों को बुलाकर चारों एक-एक लकड़ी दी और उन्हें तोड़ने को कहा। चारों लोगों ने वह लकड़ी सहजता से तोड़ दी।
अब किसान ने लकड़ियों का गट्ठर बना दिया और उन्हें अपने बेटे से तोड़ने के लिए कहा। चारों बेटे बारी-बारी से जोर लगाते रहे लेकिन किसी से भी लकड़ियों का गट्ठर नहीं टूटा। इस तरह किसान किसान ने फिर अपने बेटों को समझाया कि एकता में ही शक्ति है। तुम चारों आपस में यूं ही झगड़ते रहते हो, यह ठीक बात नहीं है। यदि तुम सब मिलजुल रहने को जाओगे तो तुम्हारा कोई भी बाल बांका नहीं बिगाड़ सकेगा चारों बेटों को यह बात समझ में आ गई और किसान ने राहत की सांस ली और किसान की मृत्यु के बाद चारों बेटे आपस में मिलजुल कर रहने लगे।
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Answer:
।। एकता में शक्ति ।।
किसी गाँव में एक किसान रहता था उसके चार बेटे थे। किसान परिश्रमी था और उसके पास धन संपत्ति थी। लेकिन उसके चारों बेटे बेहद आलसी थे वह दिन भर पड़े रहते और आपस में झगड़ते रहते थे। किसान उनकी यह दशा देखकर परेशान हो उठता था।
एक बार किसान बीमार पड़ गया और उसे आभास हो गया कि अब उसका अंत समय निकट आ गया है। तब उसे अपने बेटों की चिंता हुई कि मेरे बाद भी यदि यह चारों ऐसे ही झगड़ते रहे तो एक दूसरे का नुकसान कर बैठेंगे। इसलिए उसने समझाने के लिए अपने चारों बेटों को सुधारने का उपाय सोचना आरंभ किया। फिर उसके दिमाग में एक उपाय आया। उसने अपने चारों बेटों को बुलाकर चारों एक-एक लकड़ी दी और उन्हें तोड़ने को कहा। चारों लोगों ने वह लकड़ी सहजता से तोड़ दी।
अब किसान ने लकड़ियों का गट्ठर बना दिया और उन्हें अपने बेटे से तोड़ने के लिए कहा। चारों बेटे बारी-बारी से जोर लगाते रहे लेकिन किसी से भी लकड़ियों का गट्ठर नहीं टूटा। इस तरह किसान किसान ने फिर अपने बेटों को समझाया कि एकता में ही शक्ति है। तुम चारों आपस में यूं ही झगड़ते रहते हो, यह ठीक बात नहीं है। यदि तुम सब मिलजुल रहने को जाओगे तो तुम्हारा कोई भी बाल बांका नहीं बिगाड़ सकेगा चारों बेटों को यह बात समझ में आ गई और किसान ने राहत की सांस ली और किसान की मृत्यु के बाद चारों बेटे आपस में मिलजुल कर रहने लगे।
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