निम्नलिखित संकेत-बिंदुओं के आधार पर अनुच्छेद लिखिए|
आदर्श अध्यापक संकेत-बिंदु:
• अध्यापक और समाज का संबंध_'आदर्श अध्यापक सुयोग्य और चरित्रवान अध्यापक समाज की उन्नति में सहायक_ आदर्श अध्यापक के कर्तव्य_उपसंहार|
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Answer:
Explanation:
- अध्यापक और समाज का संबंध
शिक्षक समाज में उच्च आदर्श स्थापित करने वाला व्यक्तित्व होता है। किसी भी देश या समाज के निर्माण में शिक्षा की अहम् भूमिका होती है, कहा जाए तो शिक्षक समाज का आइना होता है। हिन्दू धर्म में शिक्षक के लिए कहा गया है कि आचार्य देवो भवः यानी कि शिक्षक या आचार्य ईश्वर के समान होता है। यह दर्जा एक शिक्षक को उसके द्वारा समाज में दिए गए योगदानों के बदले स्वरुप दिया जाता है। शिक्षक का दर्जा समाज में हमेशा से ही पूज्यनीय रहा है। कोई उसे गुरु कहता है, कोई शिक्षक कहता है, कोई आचार्य कहता है, तो कोई अध्यापक या टीचर कहता है ये सभी शब्द एक ऐसे व्यक्ति को चित्रित करते हैं, जो सभी को ज्ञान देता है, सिखाता है और जिसका योगदान किसी भी देश या राष्ट्र के भविष्य का निर्माण करना है। सही मायनो में कहा जाये तो एक शिक्षक ही अपने विद्यार्थी का जीवन गढता है। और शिक्षक ही समाज की आधारशिला है। एक शिक्षक अपने जीवन के अन्त तक मार्गदर्शक की भूमिका अदा करता है और समाज को राह दिखाता रहता है, तभी शिक्षक को समाज में उच्च दर्जा दिया जाता है।
- 'आदर्श अध्यापक सुयोग्य और चरित्रवान अध्यापक समाज की उन्नति में सहायक
शिक्षक यकीनन हमारे समाज के सबसे महत्वपूर्ण सदस्य हैं। वे बच्चों को उद्देश्य देते हैं, उन्हें हमारी दुनिया के नागरिकों के रूप में सफलता के लिए स्थापित करते हैं, और उन्हें जीवन में अच्छा करने और सफल होने के लिए प्रेरित करते हैं। आज के बच्चे कल के नेता हैं, और शिक्षक वह महत्वपूर्ण बिंदु हैं जो बच्चे को उसके भविष्य के लिए तैयार करते हैं।
- आदर्श अध्यापक के कर्तव्य
शिक्षक यकीनन हमारे समाज के सबसे महत्वपूर्ण सदस्य हैं। वे बच्चों को उद्देश्य देते हैं, उन्हें हमारी दुनिया के नागरिकों के रूप में सफलता के लिए स्थापित करते हैं, और उन्हें जीवन में अच्छा करने और सफल होने के लिए प्रेरित करते हैं। आज के बच्चे कल के नेता हैं, और शिक्षक वह महत्वपूर्ण बिंदु हैं जो बच्चे को उसके भविष्य के लिए तैयार करते हैं।
- उपसंहार|
शिक्षक की आवश्यकता सर्वत्रहोती है, जिसे नकारा नहीं जा सकता। उनकी शिक्षा कि झलक हमेंउनके क्षात्रों मे मिल जाती है। एक अच्छा गुरु सदैव अपने शिष्य को आगे बढ़ने के लिये प्रेरित करता है। हमें सदैव अपने गुरु का आदर करना चाहिये और सच्चे मायनों मे गुरु का आदर तभी हो सकता है, जब हम उनके बताए गए मार्ग पर चलें। एक शिक्षक होना बहुत कठिन कार्य है और नमन है सभी शिक्षकों को जिसने मेरे जीवन में अहम भुमिका निभाई। आज कल के दौर में फोन और सोशल मीडियाकी मदद से लोग आपस में जुड़े रहते हैं और अपने शिक्षकों से जुड़े रहने के यह सबसे अच्छे माध्यम हैं। कुछ लोग जो शिक्षक का पेशा चुनते हैं वाकई में काबिले तारीफ होते हैं। जो अपने कंधो पर देश को भविष्य संवारने का दायित्व लेकर चलते हैं। नमन है ऐसे हौसलों को नमन है सभी शिक्षकों को।