निम्नलिखित संकेत बिंदुओं के आधार पर लगभग 100 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए।
"शिक्षा बिना बोझ के समान" (6)
संकेत बिंदु:–
शिक्षा का स्वरूप
पाठ्यक्रम की महत्ता
पाठ्यक्रम कम करने के सुझाव
Answers
शिक्षा बिना बोझ के समान (अनुच्छेद)
शिक्षा का स्वरूप आज कैसा हो इस विषय पर नए सिरे से विवेचन करने की जरूरत है। प्राचीन समय में शिक्षा का स्वरूप ज्ञान पर आधारित होता था। तब पुस्तकीय ज्ञान की अपेक्षा गुरु के ज्ञान पर अधिक जोर था और पुस्तकों की अपेक्षा व्यवहारिक ज्ञान को अधिक महत्व दिया जाता था। शिक्षार्थी गुरुकुल आश्रम आदि में रहकर शिक्षा प्राप्त करते थे। बाद में नई पाश्चात्य पद्धति की शिक्षा आने पर पुस्तकों पर अधिक जोर होने लगा।
विद्यार्थियों पर दिन प्रतिदिन पुस्तकों का बोझ बढ़ता ही जा रहा है। आज छोटी-छोटी आयु के नन्हे मुन्ने बच्चे को भी अपने बस्ते में किताबों का बड़ा बोझ लेकर स्कूल जाना पड़ता है। आज शिक्षा के इस स्वरूप पर विचार करने की जरूरत है कि किस तरह बच्चों के बच्चों का बोझ कम किया जाए।
पाठ्यक्रम का अपना अलग-अलग महत्व होता है, लेकिन पाठ्यक्रम कुछ इस तरह निर्धारित किया जाए कि कम पाठ्यक्रम में अधिक बातें हों। अनुपयोगी विषयों को हटाकर पाठ्यक्रम में केवल व्यवहारिक एवं उपयोगी विषय रखे जाएं, जिससे ना केवल विद्यार्थियों का बोझ कम हो बल्कि उन पर पढ़ाई का दबाव भी कम हो और वे शिक्षा के प्रति अधिक रूचि दिखाएं। शिक्षा में पुस्तकीय ज्ञान के अलावा व्यवहारिक ज्ञान को अधिक महत्व दिया जाए ताकि विद्यार्थी अपने जीवन में व्यवहार कुशल बनें और पुस्तक विद्या की रटने करने की प्रवृत्ति से बचें।
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