निम्नलिखित संस्कृत-पद्यांश/श्लोक का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए—
रे रे चातक ! सावधानमनसा मित्र ! क्षणं श्रूयताम् ।
अम्भोदा बहवो हि सन्ति गगने सर्वेSपि नैतादृशाः ।।
केचिद् वृष्टिभिरार्द्रयन्ति वसुधां गर्जन्ति केचिद् वृथा ।
यं यं पश्यसि तस्य तस्य पुरतो मा ब्रूहि दीनं वचः ।।
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निम्नलिखित संस्कृत-पद्यांश/श्लोक का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद
कवि कहता है, हे , दोस्त चातक, "ध्यान से सुनो- आसमान में हर तरह के बादल हैं, लेकिन सभी बादल एक जैसे नहीं हैं!
कुछ पानी के असर वाले बादल हैं और वे पूरी पृथ्वी को अपने बौछारों से गीला कर देते हैं, जबकि अन्य व्यर्थ में गड़गड़ाहट पैदा करते हैं और चले जाते हैं, इसलिए आप जो भी बादल देखते हैं उससे पहले भीख मांगकर बारिश की याचना न करें! इसलिए जिन-जिन बादलों को तुम देखते हो, उन-उन के समक्ष अपने दीनतापूर्ण वचन न बोलो।
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निम्नलिखित संस्कृत-पद्यांश/श्लोक का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए—
किंस्वित् प्रवसतो मित्रं किंस्विन् मित्रं गृहे सतः ?
आतुरस्य च किं मित्रं किंस्विन् मित्रं मरिष्यतः ?
सार्थः प्रवसतो मित्रं भार्या मित्रं गृहे सतः ।
आतुरस्य भिषङ् मित्रं दानं मित्रं मरिष्यतः ।।
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