निम्नलिखित समस्तपदों का विग्रह करके समास का नाम भी लिखिए -
आना-जाना _______
गुरु-शिष्य ______
दुख-दर्द ______
संयोग-वियोग ______
दिन-रात ______
खून-पसीना ______
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Explanation:
निम्नलिखित समस्तपदों का विग्रह करके समास का नाम भी लिखिए -
आना-जाना _______
गुरु-शिष्य ______
दुख-दर्द ______
संयोग-वियोग ______
दिन-रात ______
खून-पसीना ______
꧁༒☬Ðєαтн☬༒꧂निम्नलिखित समस्तपदों का विग्रह करके समास का नाम भी लिखिए -
आना-जाना _______
गुरु-शिष्य ______
दुख-दर्द ______
संयोग-वियोग ______
दिन-रात ______
खून-पसीना ______
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Answer:
आना-जाना में द्वन्द्व समास होता है |
गुरु-शिष्य यहाँ पर द्वंद्व समास होगा। गुरु-शिष्य में दोनो पद प्रधान होते हैं।
द्वंद्व समास – सुख-दु:ख शब्द में द्वंद्व समास है।
संयोग-वियोग -यहाँ बहुव्रीहि समास है।
रात और दिन= रात-दिन। रात दिन शब्द में द्वंद्व समास है।
खून-पसीना में द्वंद्व समास हैं।
Explanation:
Step : 1 जिस समास के दोनों पद प्रधान होते हैं तथा विग्रह करने पर 'और', 'अथवा', 'या', 'एवं' लगता है, वह द्वंद्व समास कहलाता है।रात और दिन= रात-दिन। रात दिन शब्द में द्वंद्व समास है। द्वंद्व समास की पहचान है कि जंहा दोनो पद प्रधान हों तथा - "और"शब्द का प्रयोग किया गया हो। रात-दिन में भी " और" शब्द का प्रयोग है साथ ही दोनों पद प्रधान है।
Step : 2 समास का तात्पर्य होता है – संक्षिप्तिकरण। इसका शाब्दिक अर्थ होता है छोटा रूप। अथार्त जब दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर जो नया और छोटा शब्द बनता है उस शब्द को समास कहते हैं। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो जहाँ पर कम-से-कम शब्दों में अधिक से अधिक अर्थ को प्रकट किया जाए वह समास कहलाता है।
संस्कृत, जर्मन तथा बहुत सी भारतीय भाषाओँ में समास का बहुत प्रयोग किया जाता है। समास रचना में दो पद होते हैं, पहले पद को ‘पूर्वपद’ कहा जाता है और दूसरे पद को ‘उत्तरपद’ कहा जाता है। इन दोनों से जो नया शब्द बनता है वो समस्त पद कहलाता है।
Step : 3 समास का तात्पर्य होता है – संक्षिप्तिकरण। इसका शाब्दिक अर्थ होता है छोटा रूप। अथार्त जब दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर जो नया और छोटा शब्द बनता है उस शब्द को समास कहते हैं। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो जहाँ पर कम-से-कम शब्दों में अधिक से अधिक अर्थ को प्रकट किया जाए वह समास कहलाता है।
संस्कृत, जर्मन तथा बहुत सी भारतीय भाषाओँ में समास का बहुत प्रयोग किया जाता है। समास रचना में दो पद होते हैं, पहले पद को ‘पूर्वपद’ कहा जाता है और दूसरे पद को ‘उत्तरपद’ कहा जाता है। इन दोनों से जो नया शब्द बनता है वो समस्त पद कहलाता है।
Step : 4 सामासिक शब्दों के बीच के सम्बन्ध को स्पष्ट करने को समास – विग्रह कहते हैं। विग्रह के बाद सामासिक शब्द गायब हो जाते हैं अथार्त जब समस्त पद के सभी पद अलग – अलग किय जाते हैं उसे समास-विग्रह कहते हैं।
जैसे :- माता-पिता = माता और पिता।
समास का शाब्दिक अर्थ होता है संक्षेप। समास में वर्णों के स्थान पर पद का महत्व होता है। इसमें दो या दो से अधिक पद मिलकर एक समस्त पद बनाते हैं और इनके बीच से विभक्तियों का लोप हो जाता है। समस्त पदों को तोडने की प्रक्रिया को विग्रह कहा जाता है। समास में बने हुए शब्दों के मूल अर्थ को परिवर्तित किया भी जा सकता है और परिवर्तित नहीं भी किया जा सकता है।
जैसे :- विषधर = विष को धारण करने वाला अथार्त शिव।
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