निम्नलिखित शब्दों की बनावट को ध्यान से देखिए और इनका पाठ भिन्न किसी नए प्रसंग में वाक्य प्रयोग कीजिए −
आकर्षक , यथार्थ ,तटस्थता, कलाभिज्ञ, पदचिह्न, अंकित, तृप्ति, सनातन, लुप्त, जाग्रत, घृणास्पद, युक्तिशून्य, वृत्ति
Answers
२. यथार्थ → ग्रामीण जीवन का यथार्थ चित्रण प्रेमचंद के साहित्य में देखने को मिलता है।
३. तटस्थता → हमें न्याय करते समय तटस्थता की नीति अपनानी चाहिए।
४. कलाभिज्ञ → कलादीर्घा में अनेक कलाभिज्ञ इकट्ठा हुए।
५. पदचिन्ह → हमें महापुरुषों के पदचिन्हों पर चलना चाहिए।
६. अंकित → महात्मा गांधी का नाम भारतीय इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है।
७. तृप्ति → गंगा स्नान से मुझे बहुत तृप्ति मिली।
८. सनातन → हमें अपने सनातन परंपराओं का पालन करना चाहिए।
९. लुप्त → मुझे देखते ही देखते सुबह का तारा लुप्त हो गया।
१०. जागृत → स्वपन जागृत अवस्था में देखना उचित नहीं है।
११. घृणास्पद → कूड़े का ढेर रखना ही घृणास्पद है।
१२. युक्ति शून्य → मोहन के सभी कथन युक्तिशून्य थे।
१३. वृत्ति → आलोक विनम्र वृत्ति का लड़का है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।।
Answer:-
१.आकर्षक → सूर्यास्त का दृश्य कन्याकुमारी में बहुत आकर्षक होता है।
२. यथार्थ → ग्रामीण जीवन का यथार्थ चित्रण प्रेमचंद के साहित्य में देखने को मिलता है।
३. तटस्थता → हमें न्याय करते समय तटस्थता की नीति अपनानी चाहिए।
४. कलाभिज्ञ → कलादीर्घा में अनेक कलाभिज्ञ इकट्ठा हुए।
५. पदचिन्ह → हमें महापुरुषों के पदचिन्हों पर चलना चाहिए।
६. अंकित → महात्मा गांधी का नाम भारतीय इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है।
७. तृप्ति → गंगा स्नान से मुझे बहुत तृप्ति मिली।
८. सनातन → हमें अपने सनातन परंपराओं का पालन करना चाहिए।
९. लुप्त → मुझे देखते ही देखते सुबह का तारा लुप्त हो गया।
१०. जागृत → स्वपन जागृत अवस्था में देखना उचित नहीं है।
११. घृणास्पद → कूड़े का ढेर रखना ही घृणास्पद है।
१२. युक्ति शून्य → मोहन के सभी कथन युक्तिशून्य थे।
१३. वृत्ति → आलोक विनम्र वृत्ति का लड़का है।
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