निम्नलिखित शब्दों में समास विग्रह करते हुए समास का नाम लिखिए - पंचतंत्र, त्रिभुवन, पंजाब, जन्म - मरण, लव-कुश, तन-मन,निस्संदेह,प्रत्यक्ष,बेकाम, त्रिलोचन, तीव्रबुद्धि और महात्मा।
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निम्नलिखित समस्तपदों के समास-विग्रह कीजिए तथा समास का नाम लिखिए—
समास विग्रह = सामासिक शब्दों के बीच के संबंधों को स्पष्ट करना समास-विग्रह कहलाता है। विग्रह के बाद सामासिक शब्द गायब हो जाते हैं अथार्त जब समस्त पद के सभी पद अलग–अलग किए जाते हैं उसे समास-विग्रह कहते हैं।
त्रिनेत्र
त्रिनेत्र= तीनों नेत्रों का समूह
त्रिनेत्र में द्विगु कर्मधारय होता है |
चारपाई
चारपाई= चार पैरों का समाहार
चारपाई में द्विगु कर्मधारय होता है |
कलहप्रिय
कलहप्रिय =कलह है प्रिय जिसको
कलहप्रिय में द्विगु कर्मधारय होता है |
मृत्युंजय
मृत्युंजय- मृत्यु को जीतने वाले
मृत्युंजय में बहुव्रीहि समास होता है|
मेघनाद
मेघनाद- मेघ के समान नाद है जिसका
मेघनाद में बहुव्रीहि समास होता है।
घनश्याम
घनश्याम- घन के समान श्याम
घनश्याम में घनश्याम में कर्मधारय समास होता है |
मक्खीचूस
मक्खीचूस- मखी को चूसने वाला
मक्खीचूस में कर्मधारय होता है|
विषधर
विषधर- विष को धारण करने वाला
विषधर में बहुव्रीहि समास होता है |
सप्तद्वीप
सप्तद्वीप – सात द्वीपों का समाहार
सप्तद्वीप में द्विगु समास होता है|
मीनाक्षी
मीनाक्षी- मछली के समान आँखोंवाली |
मीनाक्षी में कर्मधारय समास होता है|
वज्रपाणि
वज्रपाणि- वज्र है पाणि में जिसके वह
वज्रपाणि में बहुब्रीहि समास होता है|
गंगाधर
गंगाधर- गंगा को धारण करने वाला
गंगाधर में कर्म(द्वितिय) तत्पुरूष होता है|
त्रिपुरारि
त्रिपुरारि -त्रिपुर का अरि
त्रिपुरारि में तत्पुरुष समास होता है|
प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री - प्रधान है जो मंत्री
प्रधानमंत्री में कर्मधारय समास होता है।
निम्नलिखित समस्तपदों के समास-विग्रह कीजिए तथा समास का नाम लिखिए—
समास विग्रह = सामासिक शब्दों के बीच के संबंधों को स्पष्ट करना समास-विग्रह कहलाता है। विग्रह के बाद सामासिक शब्द गायब हो जाते हैं अथार्त जब समस्त पद के सभी पद अलग–अलग किए जाते हैं उसे समास-विग्रह कहते हैं।
त्रिनेत्र
त्रिनेत्र= तीनों नेत्रों का समूह
त्रिनेत्र में द्विगु कर्मधारय होता है |
चारपाई
चारपाई= चार पैरों का समाहार
चारपाई में द्विगु कर्मधारय होता है |
कलहप्रिय
कलहप्रिय =कलह है प्रिय जिसको
कलहप्रिय में द्विगु कर्मधारय होता है |
मृत्युंजय
मृत्युंजय- मृत्यु को जीतने वाले
मृत्युंजय में बहुव्रीहि समास होता है|
मेघनाद
मेघनाद- मेघ के समान नाद है जिसका
मेघनाद में बहुव्रीहि समास होता है।
घनश्याम
घनश्याम- घन के समान श्याम
घनश्याम में घनश्याम में कर्मधारय समास होता है |
मक्खीचूस
मक्खीचूस- मखी को चूसने वाला
मक्खीचूस में कर्मधारय होता है|
विषधर
विषधर- विष को धारण करने वाला
विषधर में बहुव्रीहि समास होता है |
सप्तद्वीप
सप्तद्वीप – सात द्वीपों का समाहार
सप्तद्वीप में द्विगु समास होता है|
मीनाक्षी
मीनाक्षी- मछली के समान आँखोंवाली |
मीनाक्षी में कर्मधारय समास होता है|
वज्रपाणि
वज्रपाणि- वज्र है पाणि में जिसके वह
वज्रपाणि में बहुब्रीहि समास होता है|
गंगाधर
गंगाधर- गंगा को धारण करने वाला
गंगाधर में कर्म(द्वितिय) तत्पुरूष होता है|
त्रिपुरारि
त्रिपुरारि -त्रिपुर का अरि
त्रिपुरारि में तत्पुरुष समास होता है|
प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री - प्रधान है जो मंत्री
प्रधानमंत्री में कर्मधारय समास होता है।
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brainly.in/question/15935043
निम्नलिखित समस्तपदों के समास-विग्रह कीजिए तथा समास का नाम लिखिए—
गजानन, गिरिधर, निशाचर, निर्दय, तीव्रबुद्धि, मृगनयनी , दुधमुँहा, महात्मा, जितेन्द्रिय, पतझड़, अल्पबुद्धि, चतुर्मुख, चतुरानन|