निम्नलिखित शब्दो से प्रत्यय अलग कीजिए- कुलीन, बंगाली, गौरवशाली, पुजारी, शिक्षित, बसेरा, भूखा, घबराहट, अपनापन, गुणवान, सावधानी, साहित्यिक
Answers
Answer:
साहित्यिक शब्द में साहित्य + इक प्रत्यय उपयोग हुआ है इसे सुनें
सावधानी शब्द में प्रत्यय और मूल शब्द
अतः 'सावधानी' में 'ई' प्रत्यय और 'सावधान' मूल शब्द है।अतः 'गुणवान' में 'वान' प्रत्यय और 'गुण' मूल शब्द है।सुनें
'अपनापन' शब्द में से प्रत्यय और मूल शब्द अलग सुनें
जैसे- 'घबरा' शब्द में 'आहट' प्रत्यय लगाकर 'घबराहट' शब्द बनता हैऐसे शब्दांश जो शब्दों के अंत में जुड़ कर उनके अर्थ में कुछ विशेषता जोड़ देते है या परिवर्तन कर देते हैं प्रत्यय कहलाते हैं। जैसे भूख शब्द के अंत में आ जोड़ने से भूखा शब्द बंता है जिससे उसके अर्थ में विशेषता आ जाती है अर्थात भूखा शब्द में आ प्रत्यय है।शिक्षा शब्द संस्कृत भाषा की 'शिक्ष्' धातु में 'अ' प्रत्यय लगाने से बना है। 'शिक्ष्' का अर्थ है सीखना और सिखाना। 'शिक्षा' शब्द का अर्थ हुआ सीखने-सिखाने की क्रिया। जब हम शिक्षा शब्द के प्रयोग को देखते हैं तो मोटे तौर पर यह दो रूपों में प्रयोग में लाया जाता है, व्यापक रूप में तथा संकुचित रूप में।Answer: "puja" (mool shabd)" ri "(pratyay).
गौरव शब्द में प्रत्यय और मूल शब्द
अतः 'गौरव' में 'अ' प्रत्यय और 'गुरु' मूल शब्द है। gaurav shabd mein kaun sa pratyay aur mool shabd hai? आल्हा और उदल की रचनाओं में राजपूत राजाओं का गौरव गान मिलता है। वैज्ञानिकों ने इस अविष्कार से देश का गौरव बढ़ाया हैअतः 'बंगाली' में 'ई' प्रत्यय और 'बंगाल' मूल शब्द हैअतः 'कुलीन' में 'ईन' प्रत्यय और 'कुल' मूल शब्द है
Explanation:
is me sabi ka answer hai