Science, asked by rahatsaifi205, 6 months ago

निम्नलिखित दो अभिक्रियाओं में क्या अंतर है?
AgNO, - HC
AgCl + HNO,
Mg
2HCI
→ MgCI, + H​

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Answered by Anonymous
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Answer:

ग्रीगनार्ड के अभिकर्मक (Grignard Reagents) मैग्नीशियम के धात्वीय कार्बनिक (organometallic) यौगिक हैं, जो अपने आविष्कर्ता विक्टर ग्रीगयार्ड (Victor Grignard) के नाम पर "ग्रीनयार्ड अभिकर्मक" कहलाते हैं। विक्टर ग्रिगनार्ड फ्रांसीसी रसायनज्ञ थे। अन्य कार्बनिक यौगिकों के संश्लेषण में इनका बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। कार्बन-कार्बन बंधों के निर्माण के लिये ग्रिगनार्ड अभिक्रिया अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त कार्बन-फास्फोरस, कार्बन-टिन, कार्बन-सिलिकॉन, कार्बन-बोरान आदि कार्बन के साथ विषम-परमाणु वाले बंध (carbon-heteroatom bonds) बनाने में इस अभिक्रिया का बहुत महत्व है।

ग्रिगनार्ड अभिक्रिया में एल्किल- या एरिल मैगनिशियम हैलाइड (जिन्हें "ग्रिगनार्ड अभिकर्मक" कहते हैं) न्यूक्लिओफाइट के रूप में काम करते हैं और ध्रुवीय बंधों में मौजूद एलेक्ट्रोफिलिक कार्बन परमाणुओं पर आक्रमण करके कार्बन-कार्बन बंध बनाते हैं।

An example of a Grignard reaction

इन ऐलकिल या ऐरिल मैग्नीशियम हैलाइड यैगिकों की क्रियाशीलता तथा संश्लेषण क्रियाओं में इनकी उपयोगिता देखते हुए इन्हें ग्रीगनार्ड अभिकर्मक का नाम दिया गया है। इन अभिकर्मकों का महत्व इसी से स्पष्ट हो जाता है कि गवेषणा के प्रथम आठ वर्षों (1900-1908) में इनके ऊपर 800 से अधिक अनुसंधान लेख प्रकाशित हुए और सन् 1912 में विषय के महत्व को देखते हुए विक्टर ग्रीनयार्ड को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

Answered by Amtt
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Explanation:

first reaction is balanced

but second reaction is not balanced

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