Hindi, asked by rupali2273, 10 months ago

निम्नलिखित दोहे का भावार्थ लिखिए :(२)
धन थोरो इज्जत बड़ी, कह रहीम की बात ।
जैसे कुल की कुलवधू, चिथड़न माह समात॥​

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Answered by shishir303
2

निम्नलिखित दोहे का भावार्थ इस प्रकार होगा..

धन थोरो इज्जत बड़ी, कह रहीम की बात ।

जैसे कुल की कुलवधू, चिथड़न माह समात॥​

भावार्थ ➲ अर्थात रहीमदास कहते हैं कि धन से इज्जत अधिक मूल्यवान होती है। धन तो कभी भी कमाया जा सकता है, लेकिन यदि इज्जत एक बार चली जाए तो वह दोबारा से नहीं कमाई जा सकती। बिल्कुल बिल्कुल उसी तरह जिस तरह घर की बहू के शरीर पर यदि फटे पुराने कपड़े हों तो उनकी सहायता से वह अपने परिवार और अपनी मान मर्यादा की रक्षा कैसे कर सकती है। कवि के अनुसार मनुष्य का चरित्र और स्वाभिमान धन दौलत से अधिक मूल्यवान हैं।

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