Social Sciences, asked by mehakpathan18, 5 months ago

निम्नलिखित वाक्यों का निर्धन उषा रचना के आधार पर वाक्य रूपांतर कीजिए सत्य बोलो परंतु पिया बोलो ना की दृष्टि से वाक्य का प्रकार बताइए​

Answers

Answered by rafiya1175
0

Explanation:

जिससे पूरी बात समझ में आ जाये, 'वाक्य' कहलाता हैै।

दूसरे शब्दों में- विचार को पूर्णता से प्रकट करनेवाली एक क्रिया से युक्त पद-समूह को 'वाक्य' कहते हैं।

सरल शब्दों में- सार्थक शब्दों का व्यवस्थित समूह जिससे अपेक्षित अर्थ प्रकट हो, वाक्य कहलाता है।

जैसे- विजय खेल रहा है, बालिका नाच रही हैैै।

वाक्य के भाग

वाक्य के दो भेद होते है-

(1)उद्देश्य (Subject)

(2)विद्येय (Predicate)

(1)उद्देश्य (Subject):-वाक्य में जिसके विषय में कुछ कहा जाये उसे उद्देश्य कहते हैं।

सरल शब्दों में- जिसके बारे में कुछ बताया जाता है, उसे उद्देश्य कहते हैं।

जैसे- पूनम किताब पढ़ती है। सचिन दौड़ता है।

इस वाक्य में पूनम और सचिन के विषय में बताया गया है। अतः ये उद्देश्य है। इसके अंतर्गत कर्ता और कर्ता का विस्तार आता है जैसे- 'परिश्रम करने वाला व्यक्ति' सदा सफल होता है। इस वाक्य में कर्ता (व्यक्ति) का विस्तार 'परिश्रम करने वाला' है।

उद्देश्य के भाग-

उद्देश्य के दो भाग होते है-

(i) कर्ता

(ii) कर्ता का विशेषण या कर्ता से संबंधित शब्द।

(2)विद्येय (Predicate):- उद्देश्य के विषय में जो कुछ कहा जाता है, उसे विद्येय कहते है।

जैसे- पूनम किताब पढ़ती है।

इस वाक्य में 'किताब पढ़ती' है विधेय है क्योंकि पूनम (उद्देश्य )के विषय में कहा गया है।

दूसरे शब्दों में- वाक्य के कर्ता (उद्देश्य) को अलग करने के बाद वाक्य में जो कुछ भी शेष रह जाता है, वह विधेय कहलाता है।

इसके अंतर्गत विधेय का विस्तार आता है। जैसे- लंबे-लंबे बालों वाली लड़की 'अभी-अभी एक बच्चे के साथ दौड़ते हुए उधर गई' ।

इस वाक्य में विधेय (गई) का विस्तार 'अभी-अभी एक बच्चे के साथ दौड़ते हुए उधर' है।

विशेष-आज्ञासूचक वाक्यों में विद्येय तो होता है किन्तु उद्देश्य छिपा होता है।

जैसे- वहाँ जाओ। खड़े हो जाओ।

इन दोनों वाक्यों में जिसके लिए आज्ञा दी गयी है वह उद्देश्य अर्थात 'वहाँ न जाने वाला '(तुम) और 'खड़े हो जाओ' (तुम या आप) अर्थात उद्देश्य दिखाई नही पड़ता वरन छिपा हुआ है।

विधेय के भाग-

विधेय के छः भाग होते है-

(i) क्रिया

(ii) क्रिया के विशेषण

(iii) कर्म

(iv) कर्म के विशेषण या कर्म से संबंधित शब्द

(v) पूरक

(vi)पूरक के विशेषण।

नीचे की तालिका से उद्देश्य तथा विधेय सरलता से समझा जा सकता है-

वाक्य उद्देश्य विधेय

गाय घास खाती है गाय घास खाती है।

सफेद गाय हरी घास खाती है। सफेद गाय हरी घास खाती है।

सफेद -कर्ता विशेषण

गाय -कर्ता[उद्देश्य]

हरी - विशेषण कर्म

घास -कर्म [विधेय]

खाती है- क्रिया[विधेय]

वाक्य के भेद

वाक्य के भेद- रचना के आधार पर

रचना के आधार पर वाक्य के तीन भेद होते है-

(i)साधरण वाक्य या सरल वाक्य (Simple Sentence)

(ii)मिश्रित वाक्य (Complex Sentence)

(iii)संयुक्त वाक्य (Compound Sentence)

(i)साधरण वाक्य या सरल वाक्य:-जिन वाक्य में एक ही क्रिया होती है, और एक कर्ता होता है, वे साधारण वाक्य कहलाते है।

दूसरे शब्दों में- जिन वाक्यों में केवल एक ही उद्देश्य और एक ही विधेय होता है, उन्हें साधारण वाक्य या सरल वाक्य कहते हैं।

इसमें एक 'उद्देश्य' और एक 'विधेय' रहते हैं। जैसे- 'बिजली चमकती है', 'पानी बरसा' ।

इन वाक्यों में एक-एक उद्देश्य, अर्थात कर्ता और विधेय, अर्थात क्रिया है। अतः, ये साधारण या सरल वाक्य हैं।

(ii)मिश्रित वाक्य:-जिस वाक्य में एक से अधिक वाक्य मिले हों किन्तु एक प्रधान उपवाक्य तथा शेष आश्रित उपवाक्य हों, मिश्रित वाक्य कहलाता है।

सरल शब्दों में- जिस वाक्य में मुख्य उद्देश्य और मुख्य विधेय के अलावा एक या अधिक समापिका क्रियाएँ हों, उसे 'मिश्रित वाक्य' कहते हैं।

जब दो ऐसे वाक्य मिलें जिनमें एक

Similar questions