Political Science, asked by maahira17, 11 months ago

निम्नलिखित वाक्यों के सामने सही/गलत का निशान लगाएँ।
(क) राष्ट्रपति किसी संशोधन विधेयक को संसद के पास पुनर्विचार के लिए नहीं भेज सकता।
(ख) संविधान में संशोधन करने का अधिकार केवल जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों के पास ही होता है। (ग) न्यायपालिका संवैधानिक संशोधन का प्रस्ताव नहीं ला सकती परंतु उसे संविधान की व्याख्या करने का अधिकार है। व्याख्या के द्वारा वह संविधान को काफी हद तक बदल सकती है।
(घ) संसद संविधान के किसी भी खंड में संशोधन कर सकती है।

Answers

Answered by nikitasingh79
2

Answer:

(क) राष्ट्रपति किसी संशोधन विधेयक को संसद के पास पुनर्विचार के लिए नहीं भेज सकता।

उत्तर : सही

(ख) संविधान में संशोधन करने का अधिकार केवल जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों के पास ही होता है।  

उत्तर : सही

(ग) न्यायपालिका संवैधानिक संशोधन का प्रस्ताव नहीं ला सकती परंतु उसे संविधान की व्याख्या करने का अधिकार है। व्याख्या के द्वारा वह संविधान को काफी हद तक बदल सकती है।

उत्तर : गलत

(घ) संसद संविधान के किसी भी खंड में संशोधन कर सकती है।

उत्तर : गलत

आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।

इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :  

निम्नलिखित में से कौन भारतीय संविधान को संशोधन प्रक्रिया में भूमिका निभाते हैं? इस प्रक्रिया में ये कैसे शामिल होते हैं? (क) मतदाता (ख) भारत का राष्ट्रपति (ग) राज्य की विधान सभाएँ (घ) संसद(ङ) राज्यपाल(च) न्यायपालिका

https://brainly.in/question/11844357

निम्नलिखित में से कौन-सा वाक्य सही है-  

संविधान में समय-समय पर संशोधन करना आवश्यक/ होता है क्योंकि  

(क) परिस्थितियाँ बदलने पर संविधान में उचित संशोधन करना आवश्यक हो जाता है।  

(ख) किसी समय विशेष में लिखा गया दस्तावेज़ कुछ समय पश्चात् अप्रासंगिक हो जाता है।  

(ग) हर पीढ़ी के पास अपनी पसंद का संविधान चुनने का विकल्प होना चाहिए।  

(घ) संविधान में मौजूदा सरकार का राजनीतिक दर्शन प्रतिबिंबित होना चाहिए।

https://brainly.in/question/12151675

Answered by Anonymous
0

Answer:

निम्नलिखित वाक्यों के सामने सही/गलत का निशान लगाएँ।

✔✔(क) राष्ट्रपति किसी संशोधन विधेयक को संसद के पास पुनर्विचार के लिए नहीं भेज सकता।

✔✔(ख) संविधान में संशोधन करने का अधिकार केवल जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों के पास ही होता है। (ग) न्यायपालिका संवैधानिक संशोधन का प्रस्ताव नहीं ला सकती परंतु उसे संविधान की व्याख्या करने का अधिकार है। व्याख्या के द्वारा वह संविधान को काफी हद तक बदल सकती है।

(घ) संसद संविधान के किसी भी खंड में संशोधन कर सकती है।

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