निम्नलिखित वाक्य का संस्कृत में अनुवाद कीजिए
हे वाणी की देवी सरस्वती! नवीन वीणा को बजाओं।
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मधुर-मञ्जरी-पिञ्जरी-भूत-मालाः वसन्ते लसन्तीह सरसा रसालाः कलापाः ललित-कोकिला-काकलीनाम् ॥ निनादय...॥ अर्थ- हे सरस्वती (वाणी)! आप अपनी नवीन वीणा को बजाओ। आप सुंदर नीति से युक्त मीठे गीत को गाओ।
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