निम्नलिखित वाक्यों को संस्कृत में परिवर्तित करें ।
• वाणी पर संयम रखना अत्यंत कठिन है।
• जिसके पास पैसा होता है उसी के मित्र और सगे संबंधी होते हैं ।
• सभी पाप का मूल लोभ है ।
• जिस रूप में गुण है, वही उत्तम रूप है।
• मानव अलग-अलग रूचि के होते हैं।
• श्रद्धा ज्ञान देती है , नम्रता मान देती है, और योग्यता स्थान देती है ।
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निम्नलिखित वाक्यों को संस्कृत में परिवर्तित करें ।
• वाणी पर संयम रखना अत्यंत कठिन है।
= वाणी वाक्संयमी हि सुदुस:करतमों ,
वाणी वाक्संयमी हि सुदुस:करतमों मत: ।
• जिसके पास पैसा होता है , उसी के मित्र और सगे संबंधी होते हैं।
= यस्यार्थास्त्स्थ मित्रणि ,
यस्यार्थास्त्स्थ मित्रणि यस्यार्थास्त्स्थ बान्धता ।
• सभी पाप का मूल लोभ है ।
= लोभ - लोभमूलानि पापानि
• जिस रूप में गुण है, वही उत्तम रूप है।
= रूप - तद् रूप यंत्र गुणा: ।
• मानव अलग-अलग रूचि के होते हैं।
= रूचि - भिन्नरूचि र्ही लोक: ।
• श्रद्धा ज्ञान देती है , नम्रता मान देती है, और योग्यता स्थान देती है ।
= योग्यता - श्रद्धा ज्ञानं ददाति ,
श्रद्धा ज्ञानं ददाति ,
नम्रता मानं ददाति ।
♪♪♪
= वाणी वाक्संयमी हि सुदुस:करतमों ,
वाणी वाक्संयमी हि सुदुस:करतमों मत: ।
= यस्यार्थास्त्स्थ मित्रणि ,
यस्यार्थास्त्स्थ मित्रणि यस्यार्थास्त्स्थ बान्धता ।
= लोभ - लोभमूलानि पापानि
= रूप - तद् रूप यंत्र गुणा: ।
= रूचि - भिन्नरूचि र्ही लोक: ।
= योग्यता - श्रद्धा ज्ञानं ददाति ,
श्रद्धा ज्ञानं ददाति ,
नम्रता मानं ददाति ।